नगर पालिकाओं में कूड़ा निस्तारण सबसे बड़ी समस्या है। गंगा किनारे बसे जिलों में कूड़ा व गंदे पानी के निस्तारण के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। बिजनौर नगर गंगा किनारे ही बसा है। यहां पर सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है और पानी को साफ करने का काम शुरू हो गया है। हालांकि अभी घरों के कनेक्शन सीवर लाइन से नहीं जोड़ा गया है। नगीना नगर पालिका ने भी खुद को सेंटर फोर सेनिटेशन एंड इंवायरमेंट को प्रस्ताव भेजा है। नगर पालिका में 50 साल का स्वच्छता का प्लान बनाने के लिए कहा है। इस प्लान के अंतर्गत शहर में सीवर लाइन भी बिछाई जाएगी। सभी घरों को सीवर पाइप लाइन के जरिए ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जाएगा। सफाई से जुड़े बाकी काम भी किए जाएंगे। जो पानी साफ होगा, उसे अन्य प्रयोग में लाया जाएगा। हर रोज नगर पालिका जितना पानी सप्लाई करती है, उसका 60 प्रतिशत हिस्सा प्रदूषित होकर नाली में बहता है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनने से इसमें से करीब 60 प्रतिशत पानी को साफ करके फिर से अनेक प्रयोग में लाने लायक बनाया जा सकता है।
निकलता है 34 मीट्रिक टन कूड़ा
नगीना नगर पालिका में 34 मीट्रिक टन कूड़ा रोज निकलता है। कूड़ा निस्तारण के लिए भी अलग से योजना बनाई जाएगी। सूखे व गीले कूड़े को अलग अलग रखा जाएगा। गीले कूड़े में फल, सब्जी के अपव्यय व अन्य सामान रखा जाएगा। इससे खाद बनाकर बेचा जाएगा।
बड़ा क्षेत्र है नगर पालिका का
नगीना नगर पालिका में 19500 मकान हैं। इसके अलावा हजारों दुकान, औद्योगिक केंद्र व शिक्षण संस्थान भी हैं। इनमें नगर पालिका द्वारा पानी की आपूर्ति की जाती है और कूड़ा एकत्र किया जाता है।
20 नलकूपों से पानी होता है सप्लाई
नगीना नगर पालिका में 20 नलकूप व एक ओवरहेड टैंक है। 20 नलकूपों से 13 घंटे पानी की आपूर्ति की जाती है। हर घंटे में करीब 90 किलोलीटर पानी की सप्लाई की जाती है। नाली में बहने वाले पानी को किसानों के खेतों में छोड़ा जाता है। इसके लिए किसानों को भुगतान किया जाता है।
मंजूरी मिलते ही काम होगा शुरू
नगर पालिका ईओ इंद्रपाल सिंह के अनुसार अगले 50 साल नगर को एकदम साफ रखने के लिए प्लान बनाया जा रहा है। इसके लिए शासन को भी पत्र लिखा गया है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद इस पर अमल शुरू कर दिया जाएगा।