इसके चलते रात दस बजे बिजनौर-हरिद्वार रोड बंद कर दिया गया। बिजनौर बैराज पर भी गंगा का जलस्तर 219.40 मीटर बना हुआ है, जो खतरे के निशान से महज 0.60 मीटर दूर है। लकड़हान, कोटावाली नदी ने भी कटान किया।
लकड़हान नदी के तेज बहाव से शनिवार देर रात नजीबाबाद-हरिद्वार मार्ग के गांव मुस्सेपुर के निकट पुल का पहुंच मार्ग टूट गया। थानाध्यक्ष विकास कुमार ने लकड़हान नदी पुल से वाहनों का आवागमन बंद कराया दिया। पुलिस ने वाहनों की आवाजाही नदी पर बने फोरलेन के नए पुल से कराई। लकड़हान नदी ने फोरलेन पुल के पहुंच मार्ग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
वहीं, मालन नदी ने मोटाढाक तल्ला, खैरुल्लापुर, शेखूपुरा आलम, लाहककला सहित कई गांवों में कृषि भूमि का कटान किया। कोटावाली नदी ने रामपुर चाठा, सबलगढ़ और कोटावाली गांव में कृषि भूमि का कटान किया। किसानों की फसलें नदी में समा गई।
घरों में कैद हो गए पीतमगढ़ के लोग
भागूवाला। गांव पीतमगढ़ उर्फ मिर्जापुर में आवागमन में लिए कठियारी नदी पर ब्लॉक प्रमुख और जन सहयोग से पुलिया का निर्माण कराया था। पुलिया की एप्रोच बनाकर गांव के मार्ग से भी जोड़ा गया। शनिवार को बारिश होने से कठियारी नदी का जलस्तर बढ़ा और एप्रोच टूट गई। पहुंच मार्ग के टूटने से लोग घरों में कैद हो गए।
कोटावाली-सबलगढ़ मार्ग की तीन पुलिया क्षतिग्रस्त
नजीबाबाद। बारिश के पानी से कोटावाली-सबलगढ़ मार्ग पर नव निर्मित तीनों पुलिया ध्वस्त हो गई। पुलिया टूटने से सैकड़ों ग्रामीणों का आवागमन बंद हो गया। पिछले साल भी बरसात में ये पुलिया क्षतिग्रस्त हो गईं थी।
कई पशु पानी में बहकर रपटे में फंस गए
गजरौला शिव/बेगावाला। मालन नदी उफान पर होने की वजह से बिजनौर मंडावर मार्ग पर पुराने रपटे पर पानी बह रहा है। फसलें जल मग्न हो गई है। कई पशु पानी में बहकर रपटे में फंसे हैं। नई पुलिस लाइन की खाली पड़ी भूमि के पास टूटे पड़े तंटबंध से मालन का पानी निकलकर पुलिस लाइन की खाली पड़ी भूमि में भर गया है। रावली और ब्रहमपुरी के बीच भी मालन के रपटे पर पानी आ गया।
ध्वस्त हो गया शेरकोट-तिपरजोत लिंक मार्ग
शेरकोट। बारिश के कारण शेरकोट-तिपरजोत लिंक मार्ग ध्वस्त हो गया। इस मार्ग को एक साल पहले करीब तीन करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत बनाया गया था। लोगों का कहना है कि कई गांवों के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। डीएम से मरम्मत की मांग की है।