Tuesday, 25 June 2019 16:59

कान्हा पशु आश्रय - भारी गड़बड़झाला

Written by
Rate this item
(1 Vote)

 cow corruption bijnor

जिले भर में कान्हा पशु आश्रय स्थल बनाने में भारी गड़बड़झाला किया गया। रुपया हजम करने के लिए गोशालाओं में मनमाकिफ निर्माण किया गया।

पशुशालाओं में इंटरलॉकिंग टाइल्स की सड़कें बनवाकर स्टीमेट बढ़ा दिया गया, जबकि क्षमता के विपरीत केवल दस प्रतिशत गोवंश ही इनमें आ सकते हैं। कमिश्नर के आदेश पर की गई जांच में इसका खुलासा हुआ। अब गोशाला के निर्माण में अनियमितता के मामले में ईओ को नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस जारी होने से नगर पालिकाओं में हड़कंप मचा हुआ है। मामला यूपी के बिजनौर शहर का है।

कान्हा पशु आश्रय स्थल निर्माण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वरीयता वाली योजनाओं में शामिल है। जिले की भी 12 नगर पालिका व पंचायतों में कान्हा पशु आश्रय स्थल बनाने के लिए 31.20 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए। नगर पालिकाओं को 26.69 करोड़ रुपए आवंटित भी हो चुके हैं। इन गोशालाओं को 3400 गोवंश की क्षमता के अनुसार बनाया जाना था। मगर, नगर पालिकाओं ने शासन की मंशा के विपरीत कम क्षमता वाली गोशाला बनवाई। इनका उल्लेख शासन को भेजी डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में भी किया। जब जांच की गई तो कुछ और ही मामला निकलकर सामने आया। दस नगर पालिका द्वारा बनाई गई गोशाला में केवल 686 पशु ही आ सकते हैं। कुछ नगर पालिकाओं ने तो डीपीआर में यह बताने से ही हाथ खड़े कर दिए कि उनकी गोशाला में कितने पशु आ सकते हैं। करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी अब भी सड़कों पर गोवंश को निराश्रित घूमते हुए देखा जा सकता है। मामला पकड़ में आने के बाद अब हड़कंप मचा हुआ है। कुछ नगर पालिकाओं ने आनन फानन में कुछ और काम कराने शुरू किए हैं। गोशाला बनाने वाली सभी नगर पालिकाओं के ईओ से इस मामले में जवाब तलब किया गया है।

ऐसे किया गया रुपया हजम

गोशाला में निर्माण कार्य में धन मनमाने तरीके से लगाया गया। गाय को रखने वाले कमरों में टाइल्स लगाई गईं। कुछ जगह पर गोशाला के अंदर सड़क तक बनवाई गई। जबकि कुछ जगह पर गोशाला के नाम पर गायों के लिए टीन शेड ही डलवाई गई व बाउंड्री वॉल कराई गई। नहटौर में कॉलोनी व नलकूप की जगह को भी गोशाला में ही दर्शा दिया गया।

नहीं बनवाए गोबर गैस संयंत्र

गोशालाओं में गोबर गैस संयंत्र भी लगाया जाना था। गोशाला में ही गोबर का निस्तारण कर उसे गैस बनाई जाती व शेष को खाद के रूप में बेचा जाता। लेकिन किसी भी गौशाला में गोबर गैस संयंत्र नहीं बनाया गया है। साथ ही भूसा रखने के लिए गोदाम का निर्माण भी मानकों के अनुरूप नहीं कराया गया।

लाखों रुपए में बनवाई केवल बाउंड्री वॉल व टीन शेड

नहटौर में 50 लाख रुपए खर्च करके एक हॉल ही बनवाया गया है। नहटौर में गोशाला की क्षमता 300 पशुओं की थी, लेकिन जांच में पाया गया कि यहां पर केवल 25 पशु ही आ सकते हैं। बिजनौर नगर पालिका में भी 60 लाख रुपए खर्च करके बाउंड्री वॉल बनाने के अलावा केवल दो कमरे बनवाए गए हैं। अब वहां फिर से कुछ कार्य शुरू किया गया है।

Additional Info

Read 1308 times Last modified on Tuesday, 25 June 2019 17:05

Leave a comment