कुछ सामानों पर मिल रही छूट को वापस ले लिया है जबकि कुछ सामानों पर जीएटी की दरों में इजाफा करने का फैसला किया है। यह फैसला 18 जुलाई 2022 से लागू होने वाला है। उस दिन से जो सामान महंगे होंगे, उनमें डिब्बाबंद और लेबल-युक्त गेहूं आटा, पापड़, पनीर, दही और छाछ, मुरमुरे या मूढ़ी आदि शामिल हैं।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में हुआ फैसला
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में आयोजित जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक कल ही खत्म हुई है। बैठक के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं को बताया कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की यहां दो दिन की बैठक में विभिन्न समूहों के दरों को युक्तिसंगत बनाने के बारे में दिये गये सुझावों को स्वीकार कर लिया गया। इससे कर की दरों में बदलाव हुए हैं। कर दर में बदलाव 18 जुलाई से प्रभाव में आएंगे।
अब इन वस्तुओं पर लगेगा जीएसटी
जीएसटी पर मिलने वाली छूट समाप्त करने का मतलब है कि डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे (बिहार में इसे मूढ़ी कहते हैं) पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अभी तक इन्हें छूट मिली हुई थी। इसी प्रकार, टेट्रा पैक और बैंक की तरफ से चेक जारी करने की सेवा पर 18 प्रतिशत और एटलस समेत नक्शे तथा चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। हालांकि, खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी।
बजट होटल और अस्पतालों के कमरे हो जाएंगे महंगे
अभी तक वैसे बजट होटल, जिसके कमरे का हर रोज का किराया 1,000 रुपये तक था, उस पर कोई जीएसटी नहीं लगता था। लेकिन अब 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों (आईसीयू को छोड़कर) पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
पेंसिल शार्पनर भी होगा महंगा
इसी बैठक में ‘प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक’, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू और ‘पेंसिल शार्पनर’, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले प्रोडक्ट्स पर भी जीएसटी की दर बढ़ाने का फैसला हुआ। अब इन पर कर की दरें बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं। वहीं, सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले 5 प्रतिशत कर लगता था।
श्मशान घाट, सड़क, पुल बनाना पड़ेगा महंगा
अब सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह का काम करवाना भी महंगा पड़ेगा। अभी तक ऐसे कार्यों के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर 12 प्रतिशत का जीएसटी लगता था। अब इसे बढ़ा कर 18 प्रतिशत किया जा रहा है। हालांकि, रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा अवशिष्ट निकासी सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। पहले यह 12 प्रतिशत था। ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है।
हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट सीमित
बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब ‘इकनॉमी’ श्रेणी तक सीमित होगी। इसके साथ ही आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा। बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा।
कसीनो पर रिपोर्ट जीओएम को
उन्होंने बताया कि परिषद ने कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर रिपोर्ट को मंत्री समूह (जीओएम) के पास फिर विचार के लिए भेज दिया है। गोवा के वित्त मंत्री कसीनो पर जीएसटी दर के बारे में और चर्चा चाहते हैं। ऐसे में ‘ऑनलाइन गेमिंग’ और घुड़दौड़ पर भी फिर से विचार किया जाएगा। मंत्री समूह ने तीनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी। इस बारे में रिपोर्ट 15 जुलाई तक तैयार हो जाने की उम्मीद है और आगामी अगस्त में परिषद की अगली बैठक में इसपर विचार किया जाएगा।
कुछ प्रावधान अगले साल से होंगे लागू
जीएसटी परिषद ने ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से की जाने वाली अंतर-राज्य आपूर्ति के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने का भी निर्णय लिया है। अब ऐसे आपूर्तिकर्ताओं का वस्तुओं और सेवाओं का कारोबार क्रमशः 40 लाख रुपये और 20 लाख रुपये से कम है तो उन्हें जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक जनवरी, 2023 से लागू होगा। इसी के साथ काउंसिल ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के संदर्भ में राज्यों की तरफ से उठाये गये विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और सीजीएसटी कानून में उपयुक्त संशोधन के लिये मंत्री समूह भी गठित करने का निर्णय किया है।