बेहतर इलाज की उम्मीद में आए मरीजों को नगीना सीएचसी पर सिर्फ बंद पड़ी मशीनें मिलती हैं। चिकित्सक नहीं होने से ईसीजी और पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही है।
आसपास के गांवों के अलावा नगर में ही करीब एक लाख से अधिक आबादी है, जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगीना पर निर्भर है, लेकिन यहां चिकित्सकों का टोटा है। सीएचसी पर चिकित्सकों की कमी से मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया जाता है। जिसकी वजह से सीएचसी नगीना रेफर सेंटर बनकर रह गई है। सीएचसी पर इस समय स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, निश्चेतक विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट के पद रिक्त चल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दंत शल्यक पद पर तैनात महिला चिकित्सक डॉ. अदिति सुहाग अस्पताल में मरीजों का इलाज नहीं करतीं, क्योंकि मरीजों को नहीं पता कि वह कब आती और कब जाती हैं।
सुनिए क्या कहते हैं नगर के लोग
सना ग्रुप के चेयरमैन सरफराज अंसारी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को नगीना के सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को दूर करना चाहिए। शेख परवेज पाशी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग नगीना में चिकित्सकों की कमी को पूरी नहीं किया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 20 बेड का नया भवन बनवाया जा रहा है। नगीना सांसद गिरीश चंद का कहना है कि उन्होंने नगीना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बदहाली के मुद्दे को लोकसभा में उठाया है। वह शीघ्र स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर भी इस समस्या को रखेंगे।
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अस्पताल में समय-समय पर चिकित्सकों की तैनाती होती है, लेकिन कुछ समय बाद ही वह यहां से चले जाते हैं। चिकित्सकों की कमी के बारे में वह समय-समय पर उच्च अधिकारियों को लिखते रहते हैं - डॉ. नवीन कुमार, चिकित्सा अधीक्षक