Wednesday, 17 April 2019 10:14

जिले में तेज हवा के साथ बारिश

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farmers in bijnor

जिले में मंगलवार सुबह तेज हवा के साथ हुई बारिश से तापमान में गिरावट आ गई। इस कारण आम आदमी को काफी राहत मिली। कृषि वैज्ञानिकों ने तेज हवा से आम और गेहूं की फसल को नुकसान होने की संभावना जताई।

मंगलवार को जिले का अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि सोमवार का अधिकतम तापमान 36 और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री को पार कर गया।

मंगलवार सुबह बारिश हुई। जिसके चलते तापमान में गिरावट आई। मौसम में अचानक आये बदलाव के कारण तेज हवा के साथ कुछ समय के लिए बूंदाबांदी हुई। वहीं, पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। मंगलवार को जिले का तापमान 31.8 डिग्री सेल्सियस रहा। तापमान गिरावट आने से एक ओर लोगों ने राहत की सांस ली तो वहीं किसान आम और गेहूं की फसल को लेकर चिंतित रहे। किसान चौधरी धर्मेंद्र सिंह, ठाकुर महिपाल सिंह, जगदीश सिंह, हरि सिंह सैनी, बुध सिंह, रामरतन सिंह, कलुआ सिंह, दीपक कुमार, अंकित चौधरी आदि ने बताया कि मौसम में हुए बदलाव से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को अधिक नुकसान होने की संभावना है, जबकि जो गेहूं कटकर खेतों में पड़ा है। उसे भी बारिश से हानि होगी। कृषि अनुसंधान मौसम वेधशाला के प्रेक्षक आरके शर्मा के मुताबिक पहाड़ी क्षेत्रों में ठंडी हवाओं के साथ बारिश होने से मैदानी क्षेत्रों में भी मौसम में भारी बदलाव आने तथा बुधवार को भी तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक केके सिंह का कहना है की तेज हवा चलने के कारण आम के बौर गिरने की संभावना है। इससे आम की उत्पादकता पर प्रभाव पड़ेगा।

वहीं जलालाबाद में तेज हवाओं के साथ हल्की वर्षा होने से जहां गर्मी से लोगों को राहत मिली वहीं वर्षा ने गेहूं की फसल को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी।

सोमवार को अचानक मौसम बदलने से तेज हवाओं के साथ हल्की वर्षा शुरू हो गई। जलालाबाद, भागूवाला, नांगलसोती व मंडावली क्षेत्र में गेहूं की फसल तैयार है। कुछ किसानों ने गेहूं की फसल काटकर लहन खेतों में रखा है। किसान मो. आफाक, लाखन सिंह, सुधीर कुमार, मोहम्मद अली, अतीक अहमद, मो.रिजवान, जग्गू सिंह, राम सिंह, महावीर, यादराम सिंह का कहना है कि इस बार गेहूं की फसल की पैदावार अच्छी हुई है। तेज हवाओं ने गेहूं को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की साफ झलक दिखाई दे रही है। किसानों का कहना है कि यदि अधिक समय तक वर्षा नहीं होती तो गेहूं की खड़ी फसल को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता। किसानों ने प्रशासन से वर्षा में बर्बाद हुई गेहूं की फसल का मुआवजा दिलाने की मांग की।

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