गुड़ से मंडी शुल्क के रूप में मंडी समिति को होने वाली आमदनी आधे से भी कम हो गई है। सरकार की ओर से मंडी परिसर के बाहर होने वाली खरीद फरोख्त पर शुल्क न लिया जाना इसका बड़ा कारण है। जबकि मंडी समिति परिसर में एक प्रतिशत शुल्क लिया जाता है। यह पहले दो प्रतिशत लिया जाता था।
चांदपुर कृषि उत्पादन मंडी समिति का गुड़ मंडी के रूप में प्रदेश में बड़ा नाम है। मुजफ्फरनगर गुड़ मंडी के बाद चांदपुर गुड़ मंडी का नाम लिया जाता है। क्षेत्र में बड़ी संख्या में कोल्हू संचालित हैं। जिनमें तैयार होने वाला गुड़ बड़ी तादाद में चांदपुर मंडी में आता है। मंडी से व्यापारियों के माध्यम से गुड़ बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब आदि राज्यों में जाता है। सरकार द्वारा कृषि कानून लाने से मंडी समिति परिसर में गुड़ की आवक कम हो गई। क्योंकि सरकार द्वारा मंडी शुल्क के रूप में मंडी समिति परिसर में आने वाले कृषि उत्पादन पर दो प्रतिशत शुल्क लिया जाता था। जबकि सरकार द्वारा मंडी समिति परिसर के बाहर कृषि उत्पादन की खरीद फरोख्त पर मंडी शुल्क समाप्त कर दिया। जिससे गुड़ आदि कृषि उत्पादन की काफी खरीद फरोख्त मंडी समिति परिसर से बाहर होने लगी है।
सरकार द्वारा मंडी शुल्क घटाने पर कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर में आना तो शुरू हो गया लेकिन, अभी भी गुड़ की पूरी आवक मंडी समिति परिसर में नहीं होती है। वर्तमान में मंडी समिति परिसर में आने वाले कृषि उत्पादन पर एक प्रतिशत मंडी शुल्क लिया जाता है। जो पहले से आधा हो गया है। मंडी समिति परिसर के बाहर मंडी शुल्क न लगने से मंडी समिति परिसर में जहां कृषि उत्पादन की आवक कम हुई, वहीं मंडी शुल्क घटने मंडी समिति की आय भी बुरी तरह से प्रभावित हो गई है।
आधी रह गई मंडी समिति की आय
कृषि उत्पादन मंडी समिति चांदपुर से मिले आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में कृषि कानून से पूर्व मंडी समिति में करीब चार लाख 87 हजार क्विंटल गुड़ की आवक हुई थी। जिससे मंडी समिति को मात्र गुड़ क ी आवक से ही दो प्रतिशत मंडी शुल्क के हिसाब से करीब ढाई करोड़ रुपये का राजस्व मंडी शुल्क के रूप में प्राप्त हुआ। वित्तीय वर्ष 2020-21 में मंडी समिति में करीब ढाई लाख क्विंटल गुड़ की आवक हुई, जिससे मंडी समिति को एक प्रतिशत मंडी शुल्क के हिसाब से करीब 65 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। कृषि उत्पादन मंडी समिति चांदपुर के इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि क ानून में मंडी समिति के बाहर मंडी शुल्क न लिए जाने के कारण मंडी परिसर में गुड़ आदि कृषि उत्पादन की आवक कम हुई है। सरकार द्वारा मंडी शुल्क दो प्रतिशत से एक प्रतिशत किए जाने से मंडी समिति की आमदनी बहुत कम हो गई है।