बिजनौर कोतवाली मार्ग पर कहीं बजरी बिखरी हैं तो कहीं गड्ढें, कुछ जगह पर रास्ता ही कच्चा है और डामर पूरी तरह से गायब है। जिले में कई अन्य सड़कों का भी ऐसा ही हाल है। सोई व्यवस्था को जगाने के लिए शुरू किए अभियान पर एक रिपोर्ट।
- 17 किलोमीटर बिजनौर से कोतवाली देहात मार्ग पर बन रही सड़क
- 06 माह पहले शुरू हुए काम के नाम पर बस पुरानी सड़क ही उखाड़ी
- 03 माह बरसात में बंद रहेगा काम, चलना भी हो जाएगा मुश्किल
17 किमी लंबे बिजनौर कोतवाली मार्ग पर सड़क से डामर पूरी तरह से गायब है। दरअसल, इस मार्ग को फिर से बनाया जा रहा है। छह महीने से काम चल रहा है, लेकिन एक भी जगह पक्की सड़क बनाकर नहीं दी गई। पुलों के निर्माण को बनाए गए बाईपास भी कच्चे हैं।
बिजनौर से कोतवाली मार्ग जिले की प्रमुख सड़क है, यह सड़क पहले भी खराब थी। अब इसे नेशनल हाईवे में तब्दील किया जा रहा है। दिसंबर में इस सड़क पर काम शुरू हुआ, पूरी सड़क नए निर्माण के लिए उखाड़ दी गई है। अब हाल यह है कि कहीं मिट्टी की कच्ची सड़क पर चलना पड़ रहा है तो कहीं बिखरी हुई बजरी और पत्थरों पर। कच्ची सड़क के गड्ढों में वाहन भी पलट रहे हैं। रविवार को भी बान के पुल के पास एक ट्रक मिट्टी में धंसने से पलट गया था। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। इससे पहले भी कई बार बस और अन्य वाहन पलट चुके हैं।
क्या बोले लोग....
पुलों के बाईपास पर बना रहता है खतरा
बरूकी निवासी अनुज राठी ने बताया कि सड़क में जगह-जगह पुलों के निर्माण के चलते बाईपास बनाए गए हैं। बरूकी नहर पुल के बाईपास को गहराई में बना दिया है। ये कच्चा भी है। यहां पर वाहनों के फिसल जाने से नहर में गिरने का डर बना रहता है। एक भी बाईपास पर काली सड़क नहीं बनाई गई।
बारिश में चलने लायक नहीं रहेगी सड़क
सिखेड़ा निवासी कृष्णा डबास ने बताया कि अभी एक ही बारिश हुई तो सड़क पर जगह जगह कीचड़ जमा हो गया। मानसूनी बारिश में कच्ची सड़क में कीचड़ ही कीचड़ होगा। जिससे सड़क चलने लायक नहीं रह पाएगी। अभी डामर वाली सड़क बनाए जाने में कितना वक्त लगेगा यह भी मालूम नहीं है।
रास्ता बदलकर कर रहे यात्रा
सिखेड़ा निवासी संजीव कुमार का कहना है कि सड़क की खराब हालत से हर रोज यात्रा करने वाले लोग भी बेहाल है। नगीना से जिला मुख्यालय के लिए लोग रास्ता बदल कर बिजनौर पहुंच रहे है। नगीना से अकबराबाद और किरतपुर होते हुए आ जा रहे हैं। बरूकी के आस पास के लोग झालू होते हुए सफर कर रहे हैं।
नजीबाबाद रोड की तरह होना चाहिए था निर्माण
गांव डहरी के रहने वाले बंटी ने बताया कि कि नई सड़क बनाने का काम बिजनौर नजीबाबाद रोड पर भी किया जा रहा है। उस सड़क पर कहीं राहगीरों को कोई दिक्कत नहीं होती। डायवर्जन में भी काली सड़क बनाई जा रही है जबकि कोतवाली मार्ग मेें पूरी पूरी की सड़क एक साथ उखाड़कर मिट्टी डाली जा रही है।
तारकोल की आपूर्ति नहीं होने से रुका है काम
जून तक एक लेन बनाने की तैयारी थी। तारकोल के लिए ऑर्डर किया जा चुका है। प्लांट भी लग गया है लेकिन तारकोल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। तारकोल मिलते ही सड़क बनानी श़ुरू कर दी जाएगी - सतेंद्र पांडेय, प्रोजेक्ट मैनेजर