Monday, 01 March 2021 10:19

ग्रामीणों ने लगाया भाजपाइयों के प्रवेश पर प्रतिबंध

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ग्राम शेरपुर के ग्रामीणों ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी, गन्ना मूल्य भुगतान एवं गन्ना पर्ची निर्धारित समय पर देने सहित किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर गांव में भाजपाइयों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।

ग्राम शेरपुर कल्याण के किसान सतीश कुमार, सतेंद्र सिंह, भानु प्रताप सिंह, चरण सिंह, लटूर सिंह, श्यामदेव, विजयपाल सिंह, पूरन सिंह, सुनील कुमार, विक्की, मूले सिंह, दीपक आदि का कहना है कि भाजपा सरकार जब तक किसान विरोधी तीनों कानून वापस नही लेती, उनका विरोध जारी रहेगा।

इन किसानों ने हल्दौर से ग्राम शेरपुर जाने वाले मुख्यमार्ग के बीच बैनर लगाकर भाजपाइयों के गांव में आने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। वहीं उन्होंने क्षेत्र की मिलों द्वारा गन्ने का भुगतान शीघ्र कराने, किसानों को गन्ने की पर्ची समय पर दिए जाने आदि समेत कई अन्य समस्याओं के समर्थन में नारेबाजी की। उन्होंने चेताया कि जब तक इन समस्याओं का निदान नहीं होता, तब तक भाजपाइयों का विरोध जारी रहेगा।

जरीफपुर में बीजेपी के विरोध पर हंगामा

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नहटौर (बिजनौर)। गांव जरीफपुर चतर में ‘बीजेपी वालों का इस गांव में आना सख्त मना है’ का बोर्ड लगाने पर बखेड़ा हो गया। गांव में पहुंची पुलिस ने बोर्ड को पुतवा दिया और पूर्व प्रधान को थाने लाकर बैठा दिया। इसको लेकर थाने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेताओं व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। बड़ी मुश्किल से यह मामला शांत हुआ।

गांव जरीफपुर चतर में कुछ दिन पूर्व गांव के बाहर ‘बीजेपी नेताओं का प्रवेश वर्जित’ होने का बोर्ड लगाया गया था। रविवार को पुलिस गांव पहुंची और बोर्ड को पुतवाते हुए पूर्व ग्राम प्रधान ब्रह्मपाल सिंह को थाने ले आई। बताया जाता है कि पूर्व प्रधान को हिरासत में लेने की सूचना पर सैकड़ों की संख्या में किसान थाने पहुंच गए। किसानों ने पूर्व प्रधान को थाने लाने का विरोध किया। इस दौरान किसान नेताओं व पुलिस के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। भारतीय किसान यूनियन के नेता सुरेश पाल सिंह को अपशब्द कहने का आरोप लगाते हुए किसान भड़क गए। किसान नेताओं व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक जय कुमार के बीच नोकझोंक बढ़ गई। जिसको लेकर माहौल गरमा गया। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने थाने में ही नारेबाजी शुरू कर दी।

जिसके बाद पूर्व प्रधान ब्रह्मपाल सिंह को छोड़ दिया गया। जिसके बाद मामला शांत हो गया। कोतवाल जय कुमार ने कहा कि इस तरह का कोई बोर्ड नहीं लगने दिया जाएगा। भाकियू के ब्लॉक अध्यक्ष संजीव चौधरी, कैलाश लांबा, मास्टर विजयपाल सिंह, धर्मवीर सिंह, सुनील कुमार, लोकेंद्र सिंह, संदीप कुमार आदि का कहना था कि इससे पूर्व भी गांव फुलसंदे में लगे बोर्ड को पुलिस ने हटवा दिया था। किसान नेताओं का कहना था कि बोर्ड लगाने का मकसद मात्र विरोध प्रकट करना है। वह अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रकट कर रहे हैं। किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर थाने की ओर चल दिए किसान

थाने में किसान नेताओं व पुलिस के बीच विवाद होने पर हड़कंप मच गया। क्षेत्र से सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली से थाने की ओर कूच करने लगे। लेकिन मामला शांत होने पर किसानों को नेताओं ने रास्ते में ही रोक दिया। भाकियू के ब्लॉक अध्यक्ष संजीव चौधरी का कहना था कि इस तरह के बोर्ड और स्थानों पर भी लगे हुए हैं। लेकिन नहटौर क्षेत्र में ही पुलिस विरोध कर रही हैं।

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Read 1031 times Last modified on Monday, 01 March 2021 10:27

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