आरोपी अपने जीवन की आखिरी सांस तक जेल में ही रहेगा। पीड़िता के भाई-बहन को जान से मारने की धमकी देकर आरोपी पिता बेटी से दुष्कर्म करता था। आरोपी पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया हैं।
विशेष लोक अभियोजक विनीश कुमार के अनुसार थाना शेरकोट निवासी एक व्यक्ति ने 29 अगस्त 2018 को थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया था कि उसके भाई ने छह-सात साल पहले अपनी पत्नी को मार दिया था। वह इस मामले में जेल भी गया था। 29 अगस्त को उसकी नाबालिग भतीजी ने उससे व उसकी पत्नी से बताया था कि उसका पिता एक साल से उससे दुष्कर्म करता आ रहा है। वह किसी को बताने पर उसे व उसके भाई-बहन को जान से मारने की धमकी देता था। रिपोर्ट दर्ज कराने के तीन-चार दिन पहले भी उसके पिता ने उससे दुष्कर्म किया था। रिपोर्ट में हरी सिंह को नशे का आदी भी बताया था।
पीड़िता ने भी अपने बयान में बताया था कि साल 2018 को रक्षा बंधन के दिन उसके पिता ने उसके भाई-बहनों को जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया था। इस मामले में दुष्कर्मी पिता की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि यह उसका प्रथम अपराध है। पूर्व में किसी अपराध में वह दोषसिद्घ नहीं है। उसने कम सजा की अपील की थी। विशेष लोक अभियोजक विनीश कुमार ने कहा कि आरोपी ने अपनी सगी बेटी से दुष्कर्म किया है। कोई भी बेटी अपने पिता के संरक्षण में सबसे अधिक सुरक्षित रहती है। लेकिन हरि सिंह ने रक्षक के बजाए भक्षक का काम किया है। उसने पिता और पुत्री के रिश्ते को कलंकित किया है। उसे आजीवन कारावास की मांग की गई। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि धारा छह पोक्सो अधिनियम के आरोप में आजीवन कारावास जो शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास होगा की सजा सुनाई है। इसके अलावा 20 हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई है। शासन स्तर से हो रही थी निगरानी
यह मुकदमा मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत चयनित किया गया था। उक्त मुकदमें की निगरानी शासन स्तर से भी की जा रही थी। पिछले सप्ताह भी इस अभियान के अंतर्गत चयनित एक मामले में आरोपी को पांच साल की सजा सुनाई गई थी।