बीएसएफ की 12 सदस्य टुकड़ी के साथ बीएसएफ के वाहन में तिरंगे में लिपटा अरुण कुमार का शव रविवार सुबह करीब नौ बजे जब उसके अंबेडकर नगर स्थित आवास पर पहुंचा तो परिजनों में कोहराम मच गया। अंतिम यात्रा से पूर्व बीएसएफ की गारद ने अरुण को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। मातमी धुन बजाकर शस्त्रों को उल्टा कर श्रद्धांजलि दी। अरुण की पत्नी लता देवी व डेढ़ वर्षीय पुत्र ने उनके पैर छूकर उन्हें अंतिम विदाई दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे। पूरे मोहल्ले की महिलाएं अपने घरों की छतों पर खड़े होकर अरुण कुमार को अंतिम विदाई देती हुई नजर आईं। शव यात्रा में सबसे आगे बीएसएफ के जवान चल रहे थे, जिनका नेतृत्व इंस्पेक्टर संजय कुमार, सब इंस्पेक्टर मनफूल यादव कर रहे थे। शव यात्रा गांधी मूर्ति स्टेशन चौक से होती हुई नगीना कोतवाली मार्ग स्थित मां काली की मूर्ति के समीप स्थित श्मशान घाट पर जाकर संपन्न हुई।
श्मशान घाट पर बीएसएफ के जवानों ने तीन राउंड फायर कर अरुण कुमार को अंतिम विदाई दी। प्रशासन की तरफ से तहसीलदार हामिद हुसैन, थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश तिवारी, विधायक मनोज पारस के प्रतिनिधि के तौर पर उनके छोटे भाई धर्मेंद्र पारस, पालिका के पूर्व चेयरमैन शेख खलीलुर्रहमान, वार्ड सभासद पति अशोक कुमार, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अरविंद गहलोत, प्रमोद चौहान, जिला मंत्री अनूप वाल्मीकि, अरुण के पिता सुंदर सिंह आदि ने शव पर पुष्प माला अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। अरुण के बड़े भाई आनंद पाल ने मुखाग्नि दी। अरुण कुमार की 27 फरवरी को कोलकाता में खाना बनाते समय चावल के मांड के पानी को फेंकते समय उसमें गिरने से झुलसने से मौत हो गई थी।
विधायक ने दुख जताया
नगीना। नगीना के सपा विधायक मनोज पारस ने लखनऊ से मोबाइल पर बताया की अरुण कुमार का परिवार उनके मोहल्ले के ही निकट पड़ोसी हैं। उन्हें इस घटना से बेहद दुख पहुंचा है। विधानसभा सत्र में व्यस्तता के कारण वह नगीना नहीं पहुंच पाए हैं और शव यात्रा में शामिल न होने पाने का उन्हें बेहद अफसोस है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मृतक के परिजनों को अधिकतम सहायता राशि दिलाने का यह पूरा प्रयास करेंगे।