Thursday, 23 January 2020 11:40

सरकार की अनदेखी से बंद हुई नगीना कताई मिल

Written by
Rate this item
(1 Vote)

katai mill nagina

सरकार की अनदेखी की वजह से नगीना सहकारी मिल 20 साल से बंद पड़ी है। राजनीतिक स्तर पर समर्थन नहीं मिलने से इस मिल को पुन: संचालित कराने के प्रयास की अब तक ठोस योजना नहीं बन पाई।

पूर्व मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी ने 1974 में स्व. अजीजुर्रहमान एवं पूर्व स्वर्गीय सांसद मंगलराम प्रेमी के अथक प्रयासों को मूर्त रूप देने के लिए से नगीना-बिजनौर मार्ग पर स्थित लगभग 150 बीघा भूमि पर सहकारी कताई मिल की स्थापना को हरी झंडी दी थी।

सन 1979 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने फीता काटकर मिल का शुभारंभ किया था। मिल में लगभग 2400 बेरोजगार युवकों और युवतियों को रोजगार मिला था। नगीना शहर भी विकास की राह पर अग्रसर हुआ था। मिल प्रबंधकों व श्रमिकों की आपसी खींचतान और लूट-खसोट के कारण मिल को ग्रहण लग गया। 12 अक्टूबर 1999 को कताई मिल में स्थाई तालाबंदी हो जाने के कारण यह तारीख नगीना की जनता के लिए काला दिन साबित हुई थी। तालाबंदी से मिल में कार्यरत करीब 2400 मजदूरों से रोजगार छिन गया और बच्चे पालने को उन्हें दर-दर की ठोकरें खाना पड़ा। उन्हें मजदूरी करनी पड़ी। बच्चों को स्कूल छुड़वाना पड़ा।

तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने राजनीतिक सफर वर्ष 1985 में बिजनौर लोकसभा सीट से शुरू किया था। उन्होंने बिजनौर विशेषकर नगीना को अपनी कर्मभूमि मानकर पूरे पांच साल तक क्षेत्र में मेहनत की, जिसका फल उन्हें वर्ष 1989 में लोकसभा चुनाव जीतकर मिला। चुनाव जीतने के बाद मायावती ने भी बंद पड़ी सहकारी कताई मिल को पुन: चालू कराने में रुचि नहीं दिखाई। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी चुनावी दौरे के समय नगीना में वादा किया था कि यदि प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो नगीना की बंद कताई मिल को शुरू कराकर बेरोजगारों को रोजगार दिलाया जाएगा, लेकिन वह भी वादा पूरा नहीं कर सके।

"कताई मिल बंद होने के बाद यहां काम करने वाले सैकड़ों श्रमिकों का करीब 3.30 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है। बकाया भुगतान को कई बार शासन को पत्र भी लिखा गया। पुराना भुगतान दिलाए जाने के बाद मिल को चालू कराया जाए या इसके स्थान पर कोई नया उद्योग स्थापित करा दिया जाए, ताकि पुराने श्रमिकों को बेरोजगारी से मुक्ति मिले।" -मदनपाल श्रम सहायक, नगीना सहकारी कताई मिल।

"सूबे में सरकारें बदलती रही, लेकिन किसी भी सत्ताधारी दल ने भी बंद पड़ी कताई मिल एवं उससे बेरोजगार हुए लोगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार से मांग है कि नगीना की बहुत पुरानी कताई मिल को चालू कराने का आदेश दें।"- मोहर सिंह, मुख्य माली नगीना सहकारी कताई मिल।

"प्रदेश की योगी व मोदी सरकार जनता के लिए जनकल्याणकारी कार्यों को करने में लगी है। नगीना की बंद पड़ी सहकारी कताई मिल को चालू कराने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। संभवत: निकट भविष्य में सहकारी कताई मिल शुरू होगी अथवा कोई नया उद्योग स्थापित होगा।" - विकास राजपूत, ब्लाक प्रमुख पति एवं भाजपा नेता, नगीना।

"पिछले करीब 20 साल से बंद पड़ी नगीना सहकारी कताई मिल के संचालन का मुद्दा विधानसभा में उठा चुके हैं, लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया।"-मनोज पारस, विधायक नगीना।

Additional Info

Read 1891 times Last modified on Thursday, 23 January 2020 11:45

Leave a comment