तहसील नगीना के बढ़ापुर क्षेत्र में भीषण गर्मी के चलते भूगर्भ जलस्तर नीचे गया है। एक दर्जन से अधिक गांवों में करीब दो सप्ताह के भीतर 90 फीसद से ज्यादा हैंडपंपों से पानी आना बंद हो गया है। पानी की सबसे ज्यादा किल्लत अनुसूचित जाति बहुल ग्राम जलालपुर में है। इसके अतिरिक्त भरतपुर, दोदराजपुर, कायम नगर, नकीपुर, दमीपुर, टांडा साहूवाला, सिक्का वाला, हरवंशवाला, नाईवाला, गढ़ी, मिट्ठोपुर आदि गांवों में भी हालात बुरे हैं। इन गांव में अधिकांश हैंडपंप सूख चुके हैं या फिर बूंद-बूंद पानी दे रहे हैं। जलालपुर में हालात यह हैं कि गांव की महिलाएं व पुरुष आबादी से दूर एक खेत में लाइन में खड़े होकर नलकूप से पानी भरकर लाते हैं। जलालपुर के लोगों ने बताया कि गांव की आबादी करीब तीन हजार है जिसमें 20 इंडिया मार्का तथा 40 घरेलू हैंडपंप हैं, जिनमें से करीब 90 फीसदी से अधिक हैंडपंप सूख चुके हैं। गांव के लोग 5-5 घंटे से ज्यादा समय तक गांव के बाहर स्थित ट्यूबवेल पर कतार लगाकर खड़े होते हैं और बिजली आने का इंतजार करते हैं। क्योंकि बिजली आने पर ही ट्यूबवेल चलने पर उन्हें पानी मिल सकता है। यहां पानी लेने पहुंची महिला सुनीता देवी ने बताया कि पानी के लिए लाइन ने लगने के कारण घर के अन्य काम भी प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीण महिपाल ¨सह, गिरधारी ¨सह, हितेंद्र रितेश राजकुमार आदि का कहना था कि पानी की किल्लत के चलते पशुओं के प्यासे मरने की नौबत आ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने उप जिलाधिकारी नगीना, डीएम सहित मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन का कोई अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा।
हजारों की आबादी को पीने के लिए पानी नहीं
गांव जलालपुर की आबादी करीब तीन हजार है तथा इंडिया मार्का 20 व घरेलू 40 हैंडपंप हैं। गांव मिट्ठोपुर की आबादी एक हजार के करीब है इसमें इंडिया मार्का 10 नल व घरेलू नल 20 हैं। जल संकट से प्रभावित अन्य गांवों में भी प्रत्येक की आबादी 800 से 1000 के बीच है जिनमें इंडिया मार्का हैंडपंप 10 तथा निजी हैंडपंप 20 के करीब हैं।
इन्होंने कहा..
ग्रामीणों ने समस्या से अवगत कराया था। ग्रामीणों की समस्या का शीघ्र निस्तारण कराया जाएगा।
- डा. गजेंद्र ¨सह, एसडीएम नगीना