कारीगर इससे मुंह मोड़ रहे हैं। कारोबार कम होता जा रहा है। कभी नगीना के शहर क्षेत्र में ही काष्ठ कला से जुड़ी छोटी-बड़ी करीब एक हजार इकाइयां थीं। अब इनकी संख्या घटकर 150 ही रह गई है। कारीगर भी पेशा बदलकर दूसरे कामों में लग गए। कभी इस उद्योग में दस हजार से अधिक मजदूरों को रोजगार मिलता था, लेकिन अब केवल दो हजार लोगों को ही रोजगार मिलता है। अब प्रदेश सरकार काष्ठ कला उद्योग को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल कर रही है। प्रदेश सरकार इस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को भी इससे लाभ होगा। किसान शीशम बोते हैं, उनके पेड़ महंगे दामों में बिकेंगे।
बिजनौर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक जिला एक उत्पाद योजना’ में जिले के लकड़ी की नक्काशी उद्योग को शामिल किया है। मुगलकाल से यह उद्योग अपनी पहचान बनाए हुए है। योजना में शामिल होने के बाद प्रदेश सरकार इस उद्योग को प्रोत्साहन देगी और लकड़ी नक्काशी कला को निखारा जाएगी।