Friday, 30 June 2017 20:58

कैंटर और बोलेरो की टक्कर, सात की मौत

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nagina bolero accident

शेरकोट में हाईवे पर बोलेरो और कैंटर की आमने-सामने की जबरदस्त टक्कर में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस और राहगीरों ने कड़ी मशक्कत के बाद घायलों को वाहनों से निकालकर धामपुर सीएचसी में भर्ती कराया।

 यहां छह लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। घायलों में एक ने मेरठ ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। अन्य घायलों को बिजनौर रेफर किया गया है।

लक्सर (उत्तराखंड) के गांव फतवा निवासी अवनीश पुत्र सुरेश की बारात बुधवार रात काशीपुर गई थी। शादी में लक्सर से बड़ी संख्या में रिश्तेदार गए थे। इनमें से कई बाराती बोलेरो से लौट रहे थे। बृहस्पतिवार तड़के करीब साढ़े पांच बजे शेरकोट में हरिजन धर्मशाला के पास मोड़ पर सामने से आ रहे कैंटर से बोलेरो की जबरदस्त टक्कर हो गई। कैंटर दस फुट गहरी खाई में गिर गया।

इस हादसे में बोलेरो में सवार सेवानिवृत्त शिक्षक गजराम (69) निवासी दाहना बिजनौर, प्रधानाध्यापक गोपाल सिंह (55) पुत्र महाराज सिंह निवासी रामपुर रायघटी, बोलेरो चालक मोहन श्याम (27), सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक नकली राम (72) पुत्र छोटन सिंह निवासी भीकमपुर, सेवानिवृत्त शिक्षक अतर सिंह (69) की मौत हो गई।

उधर, कैंटर चालक धर्मानंद जान बचाने के चक्कर में कूदते हुए कैंटर के पहिये के नीचे दब गया। उसकी भी मौत हो गई। वहीं मेरठ ले जाते समय घायल अध्यापक हरिओम शर्मा (39) निवासी टांडा भागमल भोगपुर की रास्ते में मौत हो गई।

हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। पुलिस व राहगीरों ने बामुश्किल घायल राजेश, अशोक, जयदेव, हरिओम शर्मा व सौरभ को सीएचसी से भर्ती करवाया। दर्दनाक हादसे की सूचना से मृृतकों के परिवार में कोहराम मच गया। शादी की सारी खुशियां मातम में बदल गईं।

हादसे के बाद शेरकोट में भारी भीड़ जमा हो गई। इससे हाईवे जाम हो गया। पुलिस ने घटों मशक्कत के बाद जाम खुलवाया। पुलिस ने सुरेश चंद पुत्र रामपाल निवासी गांव फतवा की तहरीर पर धारा 279, 304ए, 337, 338, 427 आईपीसी में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

कुछ ही घंटों में छूटा दशकों पुराना साथ
शेरकोट में बुलेरो और कैंटर की भिड़ंत में जान गंवाने वाले अतर सिंह के बचपन के साथी और साढू जयपाल सिंह के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। दोनों का दशकों का साथ कुछ ही घंटों में हमेशा के लिए छूट गया।

जयपाल सिंह ने पोस्टमार्टम हाउस पर बिलखते हुए बताया कि अतर सिंह और उनकी दोस्ती बचपन से थी। दोनों शिक्षा विभाग में नौकरी करते थे। वे बीआरसी थे और अतर सिंह एनपीआरसी। दोनों साढू भी थे। दोनों जहां भी जाते थे, साथ जाते थे।

जयपाल सिंह ने बताया कि उन्हें भी बुधवार को शादी में अतर सिंह के साथ जाना था, लेकिन किसी कारण से वे जा नहीं सके। हादसे ने उनके सबसे प्यारे साथी को हमेशा के लिए छीन लिया।

जीवट व्यक्तित्व वाले थे गोपाल सिंह
दुर्घटना में जान गंवाने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रधानाध्यापक गोपाल सिंह बहुत जीवट वाले थे। जयपाल सिंह ने बताया कि जब गोपाल सिंह छोटे थे तो उनके घर में बदमाशों ने डकैती डाली थी। बदमाशों ने लूटपाट के दौरान गोपाल सिंह के पिता की हत्या कर दी थी और गोपाल सिंह के दोनों हाथ कलाई के पास से काट दिए थे। इस पर भी गोपाल सिंह ने हिम्मत नहीं हारी।

पढ़ाई में होनहार गोपाल सिंह दोनों हाथों से पेन पकड़कर लिखते थे। ऐसे ही उन्होंने सभी परीक्षाएं पास कीं। जयपाल सिंह बताते हैं कि जब गोपाल सिंह शिक्षक के रूप में नियुक्ति लेने गए थे तो बीएसए ने उनको रखने से मना कर दिया था।

तब गोपाल सिंह ने अधिकारियों से अनुमति लेकर दोनों हाथों में चॉक पकड़कर ब्लैक बोर्ड पर लिखकर दिखाया था। उनकी लिखावट सबसे अच्छी थी। इसके बाद उनको विभाग में नियुक्ति मिली। गोपाल सिंह शिक्षण क्षेत्र के लिए इतने समर्पित थे कि उनको राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। शिक्षकों की मौत के बारे में पता चलने पर बीएसए हरिद्वार ब्रह्मपाल सिंह सैनी भी जिला अस्पताल पहुंचे।

बुलेरो चालक को झपकी आने की आशंका
शेरकोट के पास हुए हादसे की वजह बुलेरो चालक को नींद की झपकी आने की आशंका जताई जा रही है। एसओ शेरकोट आरके सिंह के मुताबिक, दुर्घटना सुबह करीब पांच बजे हुइ। यह समय नींद की झपकी का होता है। आशंका है कि बुलेरो के चालक को नींद की झपकी लग गई और कैंटर में भिड़ंत हो गई। बुलेरों में सवार सवार छह लोगों व कैंटर चालक की इसमें मौत हो गई।

सात लोगों की मौत की खबर से हर कोई सन्न
जिला अस्पताल में सात लोगों की मौत की खबर सुनकर हर कोई सन्न रह गया। जिला अस्पताल में जब डीसीएम में छह लोगों के शव आए तो मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन डीसीएम पर चढ़कर फूट फूटकर रोने लगे। परिजनों को रोते देखकर जिला अस्पताल परिसर में मौजूद तीमारदारों का दिल भी भर आया। लोगों ने मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाया।

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Read 2045 times Last modified on Friday, 30 June 2017 21:07

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