मोहल्ला पीर शहीद काला निवासी जमाल अख्तर का पुत्र शादमान 20 वर्ष मानसिक दिव्यांग था। वह शारीरिक रूप से भी कमजोर था। बताया जाता है कि शादमान सुबह करीब चार बजे अकेला घर से निकल गया था। शादमान घूमता-फिरता मोहल्ला शीशग्रान में पहुंच गया। यहां मस्जिद के निकट आदमखोर कुत्तों के झुंड ने उसे घेरकर हमला बोल दिया। कुत्तों के झुंड ने उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। उसके शव को कुत्तों ने बुरी तरह नोंचा।
सुबह के समय जब लोग नमाज पढ़ने मस्जिद जा रहे थे तो आदमखोर कुत्तों को शादमान का शव नोंचते देखा। यह देखकर लोगों में खौफ फैल गया। इसके बावजूद उन्होंने किसी तरह शव नोंच रहे कुत्तों को वहां से भगाया। शादमान के साथ हुई घटना की खबर आग की तरह नगर में फैल गई। परिजनों ने मौके पर पहुंचकर शव की शिनाख्त की। युवक की मौत से परिजनों में कोहराम मचा है। लोगों का कहना हैं कि मीट की दुकानों के आसपास रहनें वाले कुत्ते मीट के आदी हो गए थे। मीट नहीं मिलने के चलते वह पहले भी कई लोगों पर हमला कर चुके हैं। शादमान को तो उन्होंने मौत के घाट ही उतार दिया। इसके बाद उन्होंने शव को बुरी तरह क्षत-विक्षत भी कर दिया।
नहटौर में आदमखोर कुत्तों ने हमला करके 20 साल के मानसिक दिव्यांग युवक को मार डाला। कुत्तों ने उसके शव को बुरी तरह से नोंच डाला। इसके बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। युवक के शव को गमगीन माहौल में दफना दिया गया है।
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- Source: AmarUjala