Saturday, 10 December 2016 12:46

धामपुर - नोटबंदी के आगे पस्त हुआ खादी ग्रामोद्योग, करोड़ों का घाटा

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khadi gram udyog

 धामपुर में नोटबंदी के चलते श्री खादी ग्रामोद्योग गांधी आश्रम के केंद्रीय कार्यालय दम तोड़ने के कगार पर है। गांधी आश्रम के व्यवस्थापक और मंत्री का कहना है कि नवंबर-दिसंबर का माह ही होता है, जब उनका कारोबार उड़ान भरता है। लेकिन इस बार नोटबंदी से कारोबार धड़ाम हो गया। मजदूरी न मिलने से लेबर काम छोड़कर चली गई है।

दिन भर लाइन में लगने के बाद सैलरी के खाते से दो हजार रुपये भी नहीं मिल पा रहे हैं। गैर प्रदेशों को माल की होने वाली आवाजाही रुक गई है। इस एक माह के अंदर अब तक दो करोड़ का नुकसान हो चुका है। धामपुर के गांव जैतरा में श्री खादी ग्रामोद्योग गांधी आश्रम का केंद्रीय मुख्यालय है। यहां पर गैर प्रदेशों से कच्चा माल मंगाकर विभिन्न प्रकार की क्वालिटी का कपड़ा, लिहाफ, गद्दे, रजाई, कंबल, चादरें, खेस, खादी पॉलिस्टर, ऊनी कपड़ा तैयार कर उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात आदि प्रांतों में ट्रकों से माल सप्लाई किया जाता है। आश्रम के मंत्री राधेश्याम, धामपुर के व्यवस्थापक मुनीश्वर ठाकुर का कहना है कि पिछले सालों का यदि रिकॉर्ड देखें तो उससे पता लगता है कि नवंबर माह से लेकर 10 दिसंबर तक करीब चार करोड़ से ज्यादा के माल का निर्यात हुआ है। इस बार अब तक एक, सवा करोड़ का माल भी निर्यात नहीं किया जा सका है। न ही आश्रम में कच्चा माल ही आ रहा है। गैर प्रदेेेशों के खादी भंडारघरों के अधिकारियों ने कैश न होने से आर्डर भेजने बंद कर दिए हैं। जब आर्डर ही नहीं मिल रहे हैं, तो वह गोदामों में भरे माल को कहां भेजें। खादी आश्रम के फुटकर भंडार पर भी बिक्री ठप है। ग्राहक माल खरीदने नहीं आ रहे हैं। आश्रम में करीब 100 से ज्यादा स्थायी अधिकारी, कर्मचारी हैं। परिवार के खर्चे के लिए पैसे भी नहीं हैं। बैंकों में दिनभर लाइन में लगा होने के बाद सैलरी खाते से उनके पैसे भी नहीं मिल रहे हैं। आश्रम में प्राइवेट तौर पर काम कर रही लेबर कैश न मिलने से काम छोड़कर चली गई है। जिसकी वजह से उत्पादन पर भी असर पड़ा है। यदि ऐसा ही हाल रहा तो उनके आगे रोटी का संकट आए जाएगा।

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Read 3057 times Last modified on Saturday, 10 December 2016 19:06

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