अब जिले के बाकी किसान भी हिमांशु के मॉडल को फॉलो करने की तैयारी में हैं। हिमांशु त्यागी जिले के किसानों के लिए एक आदर्श बन गए हैं।
गांव हरेवली निवासी एमबीए करने वाले हिमांशु त्यागी दिल्ली में एक मल्टीनेशन कंपनी में जॉब करता था, लेकिन उनके पिता तेज बल त्यागी ने उन्हें नई तकनीक से खेती करने को प्रेरित कर वापस बुला लिया। हिमांशु त्यागी ने गांव में आकर अपनी दस बीघा जमीन पर पॉली हाउस लगवाया और गुलाब की खेती शुरू की। गुलाब की उन्नत नस्ल की प्रजाति अपने खेत में बोई। फसल उगी तो उसे दिल्ली व अन्य राज्यों में सप्लाई किया। पांच बीघा जमीन से एक साल में करीब 20 लाख रुपये के गुलाब के फूल बेचे। सब कुछ खर्चा निकालने के बाद पांच बीघा जमीन से दिल्ली, उत्तराखंड व अन्य राज्यों में गुलाब बेचकर एक साल में करीब 11 लाख रुपये की बचत की। हिमांशु त्यागी को देखकर जिले के करीब एक दर्जन किसान पॉली हाउस लगवा रहे हैं। हिमांशु त्यागी के अनुसार उन्नत नस्ल के गुलाब की प्रजाति बो रखी है। इस प्रजाति का नाम टॉप सीक्रेट है। हर सीजन में इस गुलाब के फूल की डिमांड रहती है।