जिले में डिप्थीरिया के लक्षण मिलने वाली की संख्या बढ़कर छह हो गई है। शनिवार को डिप्थीरिया के लक्षण मिलने वाले चार केस ओर मिले हैं। कोतवाली देहात के गांव अलीपुरा जट निवासी नौशाद के तीन वर्षीय पुत्र जुनैद को चार दिन पूर्व बुखार आया था। परिजनों ने जुनैद को कोतवाली में ही निजी चिकित्सक के यहां दिखाया। उसे आराम नहीं हुआ तो बृहस्पतिवार रात परिजनों ने जिला अस्पताल भर्ती कराया। चिकित्सकों ने जुनैद की गंभीर हालत को देखते हुए मेरठ मेडिकल कालेज के लिए रेफर किया है। नजीबाबाद के गांव ज्वालीकला में भी मनराज की पुत्री दीपिका को भी बुखार आया था। परिजनों को बुधवार को जिला अस्पताल भर्ती कराया था। कोतवाली शहर के गांव मुबारकपुर निवासी सोनू की सात वर्षीय पुत्री अंशिका को भी कुछ दिन पहले बुखार आने पर परिजनों ने उसको बृहस्पतिवार रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया। कोतवाली शहर के गांव भोगनवाला में भी इकबाल अहमद के पुत्र अरशद को भी दो दिन पहले बुखार आया था। परिजनों ने उसे शनिवार की सुबह भर्ती कराया। बाल रोग विशेषज्ञ डा.केके सिंह ने बताया कि चारों में डिप्थीरिया के लक्षण मिले हैं।
गौरतलब है कि तीन वर्ष पहले करीब 24 बच्चों में डिप्थीरिया के लक्षण मिले थे। इसी वर्ष नगीना के गांव नैनपुर निवासी लुकमान के पुत्र सुबहान, मोहल्ला मीर का सराय निवासी मकबूल की पुत्री सोफिया व नगीना देहात के गांव कमरूद्दीन नगर निवासी मुस्तकीम के पुत्र मुतंजिल में भी डिप्थीरिया के लक्षण मिल चुके हैं।
एक माह से बंद है काशीरामपुर का अस्पताल
मंडावली। गांव काशीरामपुर में स्थित पीएचसी केंद्र काफी समय से बंद होने से क्षेत्रीय मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।मंडावली क्षेत्र के गांव काशीरामपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की तैनाती न होने से चिकित्सालय लगभग एक माह से बंद पड़ा है। पीएचसी से जुड़े गांव भागूवाला, काशीरामपुर, मोहनपुर, श्यामीवाला, पीतमगढ़, रामदासवाली, जहीरपुर, कोटसराय के मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों कल्याण सिंह, तरुण सिंह, रामकरण, पीएस राठी, मुनेश कुमार, बहादुर आदि का कहना है कि मौसम परिवर्तन के चलते क्षेत्र में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। चिकित्सालय बंद होने से मरीजों को मंहगे इलाज के लिए प्राइवेट चिकित्सक के पास जाना पड़ा रहा है। उधर, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र का कहना है कि जनपद में चिकित्सक कमी है जिसके चलते पीएचसी काशीरामपुर में कोई चिकित्सक तैनात नहीं है। सीएमओ के निर्देश के बाद चिकित्सक की तैनाती की जाएगी।
मच्छरों का शिकार बना शिकारपुर
बिजनौर में जिले में बुखार का प्रकोप चरम पर है। गांव रवाना शिकारपुर में एक हफ्ते में बुखार से तीन की मौत हो चुकी है। गांव तिबड़ी में भी कई गांव वाले बुखार से पीड़ित हैं। जिला अस्पताल के अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी बुखार के मरीजों की संख्या बहुत बढ़ गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग डेंगू या मलेरिया से किसी की भी मौत होने से इंकार कर रहे हैं।
बरसात में वायरल के अलावा डेंगू व मलेरिया फैलता है। इस समय भी जिले में बुखार का प्रकोप चल रहा है। बुखार की चपेट में आकर गांव रवाना शिकारपुर में एक सप्ताह के अंदर अंशू देवी पत्नी दिनेश कुमार, 50 वर्षीय हाफिज शफीक अहमद व पांच वर्षीय मोहम्मद असद की मौत हो चुकी है। हसीना, चमन सिंह, जफर अहमद, रुकैया सहित दर्जनों गांव वाले अभी भी बुखार की चपेट में आ गए हैं। इनके परिजन तीनों की मौत डेंगू से होना बता रहे हैं। धामपुर क्षेत्र के गांव तिबड़ी में भी बुखार की चपेट में आकर कई गांव वाले बीमार हैं।
ये प्राइवेट चिकित्सकों के पास उपचार करा रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में भी बुखार के बहुत केस आ रहे हैं। हालांकि जिला अस्पताल में अभी तक डेंगू या मलेरिया का कोई केस नहीं मिला है।