Thursday, 02 January 2020 11:43

UP पुलिस का यू-टर्न - पुलिस के खिलाफ FIR नहीं

Written by
Rate this item
(1 Vote)

suleman nehtaur 

नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में गोलीबारी के मामले में यूपी पुलिस के खिलाफ एफआईआर की खबर पर अब पुलिस ने यू-टर्न ले लिया है. अब पुलिस ने कहा है कि ऐसी कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.

20 दिसंबर को बिजनौर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में मारे गए एक प्रदर्शनकारी सुलेमान के परिजनों ने छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. परिजनों ने इस शिकायत में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान उसे पुलिस की गोली लगी थी.

दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, सुलेमान के परिजनों ने आरोप लगाया था कि 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद जब वह घर लौट रहा था तब एसएचओ राजेश सोलंकी, बिजनौर प्रभारी आशीष तोमर और कुछ कांस्टेबलों ने उसे रोक लिया.

पुलिस ने कबूली थी FIR की बात
पुलिस ने रविवार को ये बात कबूल की थी कि इस मामले को लेकर परिवार की तरफ से मामला दर्ज कराया गया है. पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) विश्वजीत श्रीवास्तव ने तब कहा था, "पुलिस ने सुलेमान की कथित हत्या के मामले में स्टेशन हाउस ऑफिसर (थाना अध्यक्ष) और पांच अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है." लेकिन कुछ ही घंटों के बाद एसपी विश्वजीत श्रीवास्तव अपने बयान से पलट गए हैं. उन्होंने कहा,

परिवार को नहीं मिली FIR की कॉपी
एसपी के बयान पर मृतक के चाचा अफजल अहमद उस्मानी ने कहा, "हमने शनिवार को एक शिकायत दर्ज की थी. सुलेमान की छह पुलिसकर्मियों ने हत्या की. पुलिस अधिकारियों ने हमें आश्वासन दिया था कि हमें रविवार तक एफआईआर की एक कॉपी दी जाएगी. हमने जब इसके लिए संपर्क किया तो हमें एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई."

इसबीच प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में मारे गए एक अन्य प्रदर्शनकारी अनस (23) के पिता अरशद हुसैन ने भी एक शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने भी अपने बेटे की मौत के लिए उन्हीं पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया है. उनका बेटा घटना के समय अपने सात महीने के बेटे के लिए दूध खरीदने गया था.

Additional Info

Read 1423 times Last modified on Thursday, 02 January 2020 11:52

Leave a comment