रूचि वीरा 2014 के उपचुनाव में सपा के टिकट पर पहली बार विधायक बनी थीं। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया। बसपा ने बिजनौर लोकसभा सीट से उन्हें टिकट थमा दिया। विरोधियों ने लामबंदी करके उनका टिकट कटवा दिया। बिजनौर से लोकसभा का टिकट हासिल करने के लिए रूचि वीरा ने खूब हाथ पैर मारे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। रूचि वीरा की जगह बसपा ने सांसद मलूक नागर को बिजनौर लोकसभा सीट से टिकट थमा दिया। रूचि वीरा को आंवला लोकसभा सीट से टिकट दे दिया गया। आंवला से रूचि वीरा चुनाव हार गईं। रूचि वीरा बसपा में ही राजनीति का अपना नया घर तलाश रही थीं। उनकी नजर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बिजनौर की कई सीट पर थी।
बसपा ने रूचि वीरा को अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण बसपा से निष्कासित कर दिया है। बसपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र कुमार के मुताबिक अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की रूचि वीरा की छानबीन कराने के बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई हुई है। सूत्रों के मुताबिक रूचि वीरा बिजनौर में पिछले दिनों हुए वैश्य सम्मेलन में शामिल हुईं थी। इस सम्मेेलन में जिले के प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल समेत कई नेता मौजूद थे। बसपा हाईकमान को रूचि वीरा की यह बात नागवार गुजरी। इसके अलावा जिले के बसपा नेताओं ने बसपा सुप्रीमो मायावती के कान भर दिए कि रामपुर में विधानसभा के होने वाले उपचुनाव में रूचि वीरा सक्रिय भूमिका निभाने की योजना बना रही हैं।
सपा में रहते हुए उनके आजम खां से नजदीकी संबंध रहे हैं। यह बात हाईकमान को पता चलते ही रूचि वीरा के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।
पूर्व विधायक व आंवला सीट से बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ी रूचि वीरा को बसपा ने अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण निष्कासित कर दिया है। रूचि वीरा बसपा में ही अपनी राजनीति का नया घर तलाश रही थीं।
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- Source: AmarUjala