ग्रामीण खुर्शीद, अबरार, सद्दाम, राशिद, रिषिपाल रतन सिंह, तुलाराम करन सिंह, हरपाल सिंह आदि का कहना है कि कि गांव में कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। रविवार को जैसे ही नील गाय जंगल से पानी की तलाश में गांव की ओर आई तभी कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने दौड़कर उसे बचाने का प्रयास किया। लेकिन कुत्तों ने उसे नहीं छोड़ा। कुद देर बाद नीलगाय ने तड़पते हुए दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों से कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। वन विभाग के डिप्टी रेंजर श्यामलाल यादव ने टीम भेजकर शीघ्र समस्या का समाधान कराने की बात कही है।
कुत्तों ने नीलगाय को मार डाला
बिजनौर में गांव मुकीमपुर धर्मसी के आसपास कई पोलट्री फार्म वाले मरी हुई मुर्गी को खुले में ही फेंकते थे। ग्रामीण भी पशुओं के शव को खुले में डाल देते थे। मुर्दा जानवरों के शव खाकर ही वहां कुत्ते हिंसक हो गए। पशुपालन विभाग की टीम ने गांव वालों से पशुओं के शव दबाने को कहा है। छह मई को गांव मुकीमपुर धर्मसी में कुत्तों ने भूसे की रखवाली कर रहे गांव के राधेश्याम को नोंच नोंचकर मार डाला था। दो बार कुत्ते गांव वालों पर हमला कर चुके हैं। पशुपालन विभाग के चिकित्सकों ने घटनास्थल के आसपास का दौरा किया था। जांच में सामने आया कि क्षेत्र में कई पोलट्री फार्म हैं। वहां मरने वाली मुर्गियों को खुले में ऐसे ही डाल दिया जाता है। मुख्य पशुधन चिकित्साधिकारी भूपेंद्र सिंह के अनुसार मांस खाने के बाद कुत्ते हिंसक हो गए हैं। ग्रामीणों को पशुओं के शव गड्ढे में दबाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुर्गा फार्म कर्मी पर कुत्तों का हमला
गजरौला शिव में मुकीमपुर धर्मसी खेड़ा निवासी शेखर ने अपने खेतों पर मुर्गी फार्म खोल रखा है। मुर्गी फार्म का उसी गांव के निवासी जमीर अहमद फार्म की रखवाली करता है। रविवार दोपहर दो बजेेेे जमीर अहमद मुर्गी फार्म के बाहर पेड़ की छाय में बैठा था, तभी कुत्तों में उस पर हमला बोल दिया। जमीर के शोर मचाने पर जंगल में काम कर रहे किसान लाठी-डंडे लेकर मुर्गी फार्म की ओर दौड़ पड़े और उसे कुत्तों से बचाया।