उत्तराखंड सीमा से सटी नजीबाबाद तहसील तीर्थ नगरी हरिद्वार का द्वार कही जाती है। भारतीय संस्कृति में हरिद्वार का स्थान तीर्थस्थलों में सर्वोपरि माना जाता है। ¨कवदंति है कि स्वर्ग की सीढि़यां हरिद्वार से शुरू हो जाती हैं। भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु हरिद्वार में गंगा स्नान के साथ तीर्थस्थलों के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। भारतीयों की भावनाओं को सरकार ने तरजीह देते हुए मुरादाबाद से हरिद्वार तक राष्ट्रीय राजमार्ग-74 घोषित करते हुए इसके बेहतर रखरखाव की योजना बनाई। सरकार की कोशिशें और दावे मुरादाबाद से हरिद्वार के बीच खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं।
स्योहारा से धामपुर, नगीना, नजीबाबाद होते हुए हरिद्वार के लिए जाने वाले करीब 80 किलोमीटर क्षेत्र में मार्ग पर कई जगह काफी गहरे गड्ढे हैं। इसके साथ ही गड्ढों से निकलने वाली रोड़ी मार्ग पर कई जगह फैल रही है। नजीबाबाद से भागूवाला हरिद्वार बार्डर तक गड्ढों की वजह से हाईवे पर चलना मुश्किल हो रहा है। आए दिन गड्ढे की वजह से हादसे हो रहे हैं।
यूपी-उत्तराखंड के लिए मुसीबत
दिल्ली-पौड़ी हाईवे पर किरतपुर से नजीबाबाद तक गड्ढे राहगीरों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। आए दिन इन गड्ढों में गिरकर बाइक सवार घायल हो रहे हैं, वहीं यहां से रोजाना मेरठ रेफर होने वाले गंभीर मरीजों के लिए गड्ढे घातक हैं। 20 किमी तक हाईवे मरम्मत का कार्य विभागीय मंजूरी के अभाव में लटका हुआ है।
दिल्ली से पौड़ी जाने वाला 119 हाईवे गढ़वाल के लोगों की आवाजाही का एकमात्र मार्ग है। इस मार्ग से रोजाना सैकड़ों बसों और वाहनों का दिल्ली के लिए संचालन है। पहले यह हाईवे मेरठ से लेकर बिजनौर और नजीबाबाद से कोटद्वार तक काफी खराब था। एनएचएआइ ने मेरठ से किरतपुर तक हाईवे मरम्मत का कार्य पूरा कर दिया है। नजीबाबाद से कोटद्वार तक भी जगह-जगह मरम्मत कार्य चल रहा है। अब नजीबाबाद से किरतपुर तक 20 किमी में गड्ढे ही गड्ढे हैं। अचानक गड्ढे सामने आने पर अनियंत्रित होकर कार व बस तक सड़क के नीचे चले जाते हैं। गड्ढों की वजह से सबसे अधिक परेशानी रोगियों को हो रही है। दरअसल, कोटद्वार के अलावा जिले के अस्पतालों से रेफर होने वाले मरीजों की गड्ढों में सांसें अटकी रहती है। 20 किमी का सफर तय करने में आधे घंटे से अधिक का समय लगता है। साथ ही वाहनों के खराब होने का भी डर बना रहता है।
लखनऊ से मरम्मत कार्य की मंजूरी का इंतजार
एनएचएआइ के इंजीनियर आयुष चौधरी का कहना है कि नजीबाबाद से कोटद्वार तक का मरम्मत कार्य चल रहा है। अब किरतपुर से नजीबाबाद तक 20 किमी सड़क का मरम्मत कार्य के लिए एस्टीमेट बनाकर लखनऊ भेजा गया है। करीब नौ करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने का इंतजार है। जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू कराया जाएगा।