ये भाजपा नेताओं की रिहाई, हुलियारों पर पथराव करने वालों की गिरफ्तारी और जुलूस को फिर से निकालने की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने हुलियारों पर पथराव करने के आरोप में सलीम व दानिश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है तो भाजपा नेता अनूप वाल्मीकि, अनुज वर्मा को पुलिस पर पथराव करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में हिंदू संगठनों, व्यापार मंडल के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को बाजार बंद रखा। उन्होंने भाजपा नेताओं को ससम्मान रिहा करने, मुकदमा वापस लेने, जुलूस से पूर्व पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने व पुन: जुलूस निकलवाने की मांग की है। शनिवार शाम नगीना लोकसभा सांसद डा.यशवंत सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव सिसौदिया डीएम और एसपी से से उनके आवास पर मिले। लंबी वार्ता इनकी दोनों अधिकारियों से हुई, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई है। एसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि इस मामले में किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी। किसी भी कीमत पर दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। पर्याप्त सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई होगी। दोनों पक्षों के चार नामजदों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि एक नामजद गौरव अग्रवाल हृदय रोगी होने के कारण जिला चिकित्सालय में भर्ती है। इस मामले में देर शाम हिंदू युवा वाहिनी के मंडल अध्यक्ष एनपी सिंह हिंदू संगठनों से वार्ता के लिए नगीना पहुंचे हैं।
इससे पहले शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे मोहल्ला चौधराना स्थित देवता मंदिर से गीले रंगा का जुलूस निकालने की तैयारी चल रही थीं। वहां से गुजर रहे दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति पर बच्चों ने रंग डाल लिया। इस बात को लेकर दोनों समुदाय के लोगों में विवाद हो गया। दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। दूसरे समुदाय के लोगों ने अपने मकानों की छतों से होली खेल रहे परिवारों पर पथराव शुरू कर दिया। इसमे तीन लोग मामूली घायल हो गए।
एसडीएम इंद्रजीत सिंह, सीओ महेश कुमार, थाना प्रभारी संजय प्रताप सिंह, तहसीलदार देवेंद्र पांडेय भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और लोगों को शांत कर जुलूस निकलवाने की कोशिश की। वहां मौजूद लोगों ने पथराव करने वालों की गिरफ्तारी के बाद ही जुलूस निकालने की बात कही। अफसरों ने जुलूस निकलवाने के लिए करीब पांच घंटे तक मशक्कत की, लोगों को समझाते रहे, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। डीएम अटल कुमार राय, एसपी प्रभाकर चौधरी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। मंदिर कमेटी के प्रबंधक हरिगोपाल ने जुलूस निकलवाने के लिए तैयारी शुरू कर दी। लेकिन अन्य लोगों ने जुलूस में शामिल होने से इंकार कर दिया। ये लोग पथराव करने वालों की गिरफ्तारी पर अड़े रहे। बहुत से लोग वापस चले गए। बाद पुलिस प्रशासन ने मंदिर कमेटी के अध्यक्ष हरिगोपाल को अपने साथ लेकर शाम पांच बजे जुलूस निकलवाना शुरू कर दिया। इस बात पर लोग भड़क गए और जुलूस राधेश्याम चौक पर पहुंचा तो लोगों और महिलाओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस प्रशासन पर जबरन जुलूस निकालने का आरोप लगाकर डीजे के तार तोड़ दिए। पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया गया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और भीड़ को खदेड़ दिया। आंसू गैस का गोला भी छोड़ा। पथराव के कारण जुलूस आधे रास्ते में प्रेम पुस्तकालय पर रोक दिया गया।
बवाल में दर्ज हुई दो रिपोर्ट
नगीना। पथराव में थाना प्रभारी संजय प्रताप सिंह, दो दरोगा, दो सिपाही व दो महिला पुलिसकर्मी घायल हुए। शुक्रवार देर रात मंदिर मुक्तेश्वरनाथ समिति के अध्यक्ष हरि गोपाल की ओर से जुलूस से पहले पथराव करने वाले मोहल्ला चौधराना निवासी सलीम, इजहार, दानिश, कैसर समेत कई लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। सलीम व दानिश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जुलूस के दौरान किए गए पथराव के मामले में इस मामले में थाना प्रभारी संजय प्राप्त सिंह, पुलिस कर्मी जयभान सिंह की ओर से अलग अलग रिपोर्ट में भाजपा नेता अनूप वाल्मीकि समेत 14 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
...तो बन जाते कासगंज जैसे हालात
नगीना। पुलिस अगर नगीना में रात के समय सख्ती न दिखाती तो नगीना में कासगंज जैसे हालात पैदा हो सकते है। कोई भी किसी को सुनने को तैयार नहीं था। पुलिस लोगों की मान मनौव्वल कर रही थी। पर पुलिस की भी कोई नहीं सुन रहा था। अफसरों को इस बात का डर था कि रात के अंधेरे में छत पर खड़े किसी भी व्यक्ति की अगर पथराव के दौरान नीचे गिरकर मौत हो गई तो बड़ा बवाल खड़ा हो जाएगा। कस्बे में एक समुदाय आबादी में बहुत ज्यादा है। हालात बिगड़ने तो सुधरना मुश्किल हो जाएगा। तब जाकर पुलिस को सख्ती करनी पड़ी और लाठी फटकार लोगों को खदेड़ा।
शांति समिति के सदस्यों को खोजती रही पुलिस
नगीना। शांति समिति की बैठक में शामिल कोई भी व्यक्ति विवाद को निपटाने के लिए सामने नहीं आया। पुलिस ऐसे लोगों को ढूंढ़ती रही। पुलिस ने तब जाकर बल प्रयोग करके लोगों को वहां से खदेड़ा। पुलिस पर हमला करने वाले नेताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस अफसर मान रहे हैं कि नगीना में आगे को इस तरह के विवाद नहीं हो पाएंगे। क्योंकि वहां सख्त कदम उठाए गए हैं। एसपी प्रभाकर चौधरी के मुताबिक नगीना की पूरी घटना सीसीटीवी में कैद है। उसी के आधार पर कार्रवाई हुई है। किसी के खिलाफ गलत कार्रवाई नहीं की गई। अफसरों तक को अवगत करा दिया गया है।