संसदीय क्षेत्र नगीना काष्ठ कला की नगरी है। काष्ठ कला के क्षेत्र में नगीना की पहचान है। यहां से कारोबारियों का आना जाना लगता रहता है। लगभग पांच दशक पहले बने रोडवेज बस अड्डा बना था, जिसमें केवल तीन कमरे बने हुए हैं। देख रेख के अभाव में बस अड्डा पूरी तरह से जर्जर हो गया है। बरसात के समय छत टपकने लगता है, जिससे यात्रियों तथा बस अड्डे पर तैनात कर्मचारियों को बैठने तक की समस्या खड़ी हो जाती है। रोडवेज बस अड्डे की हालत जर्जर होने के साथ-साथ उसकी चाहरदीवारी भी टूट चुकी है। पिछले कुछ माह में रोडवेज बस अड्डे पर खड़ी कई बसों के बैटरे तक चोरी हो चुके हैं। बस अड्डे परिसर में शौचालय भी ठीक स्थिति में नहीं है। यात्री संजय मित्तल, वीरेंद्र कुमार ,जयपाल ¨सह, संजय ¨सह, गुड्डू, राजवीर, भूपेंद्र ¨सह, राजीव कुमार, आदि ने बताया की सरकार लगातार किराए में तो वृद्धि करती जा रही है लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दे रही। नगीना के रोडवेज बस अड्डे परिसर में जलपान की व्यवस्था के लिए कैंटीन तक का भी कोई इंतजाम नहीं है। रोडवेज बस स्टेशन प्रभारी ज्ञानचंद ने बताया कि लगभग 8 माह पूर्व बस अड्डे के भवन के लिए सर्वे हो चुका है। शीघ्र ही यहां नए भवन के निर्माण कार्य प्रारंभ होने की संभावना है।
नगीना: नगर में राष्ट्रीय राज्य मार्ग 74 पर बना उत्तर प्रदेश परिवहन निगम का बस अड्डा पूरी तरह से जर्जर हालत में है। इस बस अड्डे से दिल्ली, उत्तराखंड व प्रदेश के कई स्थानों के लिए प्रतिदिन 60 बसें संचालित होती है। इससे हजारों यात्री यात्रा करते हैं।
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- Source: jagran