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बिजनौर जिले में एक और टोल प्लाजा बनाने की तैयारी
अब सड़कें बेहतर हो रही हैं तो इसका शुल्क भी चुकाना पड़ेगा। जिले में एक और टोल प्लाजा बनने जा रहा है।
यूपी रोडवेज का सफर हुआ महंगा, जानें यात्रियों को अब कितना होगा किराया
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सरकारी बसों (UP Roadways Bus) में सफर करने वालों के लिए महत्वपूर्ण खबर है।
जनता की जेब इस महीने से और कटेगी, रहिए तैयार
18 जुलाई से महंगाई (Inflation) का एक और झोंका झेलने के लिए तैयार रहिए। दरअसल, जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने आम आदमी के उपयोग से जुड़े कुछ सामानों पर जीएसटी (GST) लगाने का फैसला किया हे।
ट्रेनों के सिर्फ नाम बदले और बढ़ा दिया किराया
महामारी का दौर बीत चला है और सब कुछ सामान्य हो रहा है लेकिन, कोविड रेल सफर में बदलाव कर गया। दरअसल, गंतव्य और ट्रेन वही और नाम बदलकर रख दिया स्पेशल ट्रेन, इनमें सफर करना महंगा हो गया। सामान्य टिकट के न्यूनतम दाम दस रुपये से बढ़ाकर तीस रुपये कर दिए गए हैं।
लखनऊ से चंडीगढ़ जाने वाली ट्रेन का किराया दोगुना
पंजाब का चंडीगढ़ गरीब बेसहारा मजदुरो व मध्यम वर्ग के लोगों के उपचार का सहारा एक मात्र हॉस्पिटल पीजीआई चंडीगढ़ ही है। जिसमें गरीब मजदूर बेसहारा रोगियों का उपचार सही ढंग से हो जाता है।
कोयले दाम हुए दोगुने, जिले में 320 भट्ठे बंद
कोयले के दाम दोगुने होने र्से इंट भट्ठा उद्योग पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कोराना की दूसरी लहर से पहले जिले के 40 प्रतिशत ईंट भट्ठे बंद हो गए थे।
बढ़ती महंगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट
पिछले तीन माह से खाद्य सामग्रियों पर 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम और रसोई गैस सिलेंडरों पर करीब 150 रुपये प्रति सिलेंडर पर बढ़ती महंगाई का असर रसोई के बजट पर पड़ा है। वहीं प्याज एवं सरसों के तेल की कीमतों ने भोजन का स्वाद बदल दिया है।
जनवरी से महंगी होगी प्रदूषण जांच
बिजनौर। पहली जनवरी से प्रदूषण जांच कराना महंगा हो जाएगा। वाहन मालिकों को अब प्रदूषण जांच कराने पर प्रमाणपत्र लेने के लिए करीब-करीब दोगुना पैसा खर्च करना पड़ेगा।
खोने लगी है नजीबाबाद की पहचान
ट्रांसपोर्टेशन को लेकर दूर तक पहचान बनाने वाले नजीबाबाद शहर की पहचान अब धुंधली होने लगी है। महंगाई की मार झेल रहे ट्रांसपोर्टरों का इस काम से मोह भंग होने लगा है। क्षेत्र में पिछले एक दशक में ट्रकों की संख्या घटकर आधे से भी कम रह गई है। नजीबाबाद के ट्रक अब गिने-चुने जनपदों एवं आसपास के राज्यों तक ही सीमित होकर रह गए हैं।