पिछले करीब तीन माह से लगातार दाल, सब्जियां, सरसों व रिफाइंड तेलों एवं चाय-पत्ती पर महंगाई बढ़ी है। दालों पर 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम, जबकि सरसों तेल पर 35 एवं रिफाइंड तेलों पर 20-25 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। चाय की पत्ती के दामों में तेजी आई है। किराना व्यापारी मुकेश कुमार का कहना है कि दालें आमतौर पर महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश से आती हैं। दालों की आवक में तो कमी नहीं आई है, लेकिन दालों पर हो रही सट्टेबाजी बढ़ती कीमतों के लिए जिम्मेदार है। सब्जी विक्रेता अकबर अहमद कहना है कि पिछले कुछ दिनों से मंडी में प्याज की आवक कम होने और डिमांड अधिक होने के कारण ही प्याज के दामों में वृद्धि हुई है। आवक कम होने के कारण प्याज के दामों में 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि हुई है। वहीं ब्रांडेड और खुली चाय भी 20 से 40 रुपये की वृद्धि हुई है।
नजीबाबाद : मोहल्ला श्यामली निवासी पूजा गुप्ता का कहना है कि पिछले तीन महीने से रसोई गैस सिलेंडर के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। खाद्य पदार्थों के लगातार दाम बढ़ने से आम आदमी की ताल से दाल-सब्जी दूर होती जा रही है। प्याज व सरसो के दाम ने दाल-सब्जी का स्वाद बदल दिया है। वहीं सुभाषनगर निवासी मीनाक्षी देवी का कहना है कि कोरोना काल में कारोबार बेपटरी है। रसोई के बजट को हिसाब से खर्च कर घर चलाने का प्रयास कर रही हैं। महंगाई कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। दाल की कीमतों पर अंकुश लगा तो सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे। रसोई गैस सिलेंडर के बढ़ते दाम ने उनके रसोई के बजट को बिगाड़ दिया है। मोहल्ला भवन निवासी डा. आरआर माहेश्वरी का कहना है कि सरकार ने कोरोना की रोकथाम के अच्छे प्रयास किए हैं, लेकिन महंगाई पर अंकुश नहीं लगाया। किसानों के आंदोलन का असर खाद्य पदार्थों पर लगातार बढ़ रहे दाम पर पड़ रहा है। वहीं रसोई गैस सिलेंडर के दाम तेजी से बढ़ने की वजह वह दिन दूर नहीं जब रसोईघर में अतिरिक्त गैस सिलेंडर रखना मुनासिब नहीं होगा।