Tuesday, 09 August 2016 10:10

अगले तीन साल में 4500 लोगों को हायर करेगी CIL

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Coal India

कोल इंडिया ने अगले तीन साल में आईआईटी, एनआईटी से लेकर मैनेजमेंट कैडर से 4500 फ्रेश हायरिंग करने का फैसला किया है। कंपनी इस हायरिंग प्लान की शुरुआत अगले महीने से करेगी। इस दौरान कंपनी 40,000 अतिरिक्त वर्कमैन भी नियुक्त करेगी। कोल इंडिया के डायरेक्टर (पर्सनल) आर मोहन दास ने कहा, 'हम कैंपस से मैनेजमेंट अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे।

ज्यादातर हायरिंग आईआईटी और एनआईटी से होगी। अगले तीन साल में 1000 से लेकर 3500 से ज्यादा भर्तियां की जाएंगी।' उन्होंने कहा, 'वर्कमैन टेक्निकल लोग होंगे। ये डिप्लोमा होल्डर्स, ओवरसीयर, इलेक्ट्रिकल वर्कर्स, फिटिंग एक्सपर्ट्स, डंपर ऑपरेटर्स और दूसरे इक्विपमेंट ऑपरेटर्स होंगे। इन्हें सीधे सब्सिडियरी कंपनियां रिक्रूट करेंगी। अनुमान है कि अगले तीन साल में सब्सिडियरी कंपनियों को 40,000 लोगों की जरूरत होगी।' एक अनुमान के मुताबिक इस दौरान करीब 45,000 वर्कमैन रिटायर होंगे। पिछले दो साल से हर साल करीब 15,000 वर्कमैन रिटायर हो रहे हैं। यही ट्रेंड अगले तीन साल तक और चलने वाला है।

रिटायर होने वाले ज्यादातर लोग कंपनी के साथ शुरू से हैं, जब 1975 में कोल प्रॉडक्शन का राष्ट्रीयकरण किया गया था। तब वर्कमैन की न्यूनतम उम्र 18 साल थी। 2017-18 तक इन सभी कर्मचारियों को कोल इंडिया के साथ काम करते हुए 42 साल हो जाएंगे। कंपनी के कुल एंप्लॉयीज की संख्या 3.2 लाख है। इनमें 19,000 ऑफिसर्स हैं। बड़ी संख्या में वर्कमैन के रिटायर होने के कारण प्रॉडक्शन कॉस्ट में इनकी सैलरी का हिस्सा 50 पर्सेंट से घटकर 35 से 40 पर्सेंट हो गया है। वर्कमैन के रिटायर होने से कोल प्रॉडक्शन में कम से कम 10 पर्सेंट गिरावट आने की उम्मीद है। इसी के साथ ही प्रति व्यक्ति पहले कोल उत्पादन का आंकड़ा 4.5 टन था, जो अब वर्कमैन घटने से प्रति व्यक्ति कम से कम 9 टन होने की उम्मीद है।

फिलहाल, कोल इंडिया की टोटल प्रॉडक्शन कॉस्ट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी मजदूरी और सैलरी की है। कुछ समय पहले तक हिस्सेदारी 43-44 पर्सेंट थी जो हालिया वेतन वृद्धि के बाद बढ़कर 50 पर्सेंट हो गई है। राष्ट्रीयकरण के दौरान कोल इंडिया की टोटल वर्कफोर्स 7 लाख थी। इनमें ज्यादातर लोग कोल फिलर्स और कोल कटर्स थे। ये लोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे। राष्ट्रीयकरण से पहले जिन लोगों के नाम प्राइवेट कंपनी में रजिस्टर थे, वे बगैर किसी शिक्षा या ऐज सर्टिफिकेशन के कंपनी के कोल इंडिया के कर्मचारी बन गए। 

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