बिजनौर से सपा विधायक रुचि वीरा सीट बचाने के लिए ऐडी-चोटी तक का जोर लगा रही हैं। मुस्लिम मत बिखर न जाएं, इसके लिए वह भरपूर कोशिश कर रही हैं। पेद्दा कांड का हवाला देकर रुचि वीरा मुस्लिम मतों को अपने पाले में बांधने की कोशिश में जुटी हैं। बसपा प्रत्याशी रशीद अहमद छिद्दू मुस्लिमों और छोटी जातियों पर डोरे डाल रहे हैं। पहली बार चुनाव मैदान में उतरी भाजपा प्रत्याशी सुचि चौधरी के पति ऐश्वर्य चौधरी पेद्दा कांड में जेल में हैं। सुचि पेद्दा कांड के जरिए हिंदू मतों का ध्रुवीकरण करने में जुटी हैं। रालोद प्रत्याशी राहुल सिंह जाट मतों को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।
चांदपुर से बसपा विधायक मोहम्मद इकबाल तीसरी बार इस सीट पर कब्जे की कोशिश में जुटे हैं। वे मुस्लिम व दलित मतों के सहारे चुनावी नैया पार लगाना चाहते हैं। मुस्लिम मतों में इस बार सपा के अरशद अंसारी अंसारी व कांग्रेस के शेरबाज पठान भी सेंध लगा रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी कमलेश सैनी पहली बार चुनाव मैदान में हैं। सैनी मतों के अलावा भाजपा के परंपरागत वोट बैंक को एकजुट रखना उनके लिए चुनौती बना है। इस सीट पर जाट नेता को टिकट न मिलने के चलते इस बिरादरी के लोग बागी तेवर अपनाए हैं। रालोद के प्रत्याशी पूर्व कमिश्नर एसके वर्मा जाट वोटों के अलावा अन्य छोटी-बड़ी जातियों को साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
नूरपुर में भाजपा को अपनी सीट बचाने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी लोकेंद्र चौहान को रालोद प्रत्याशी योगेश त्यागी से चुनौती मिल रही है। योगेश भाजपा के परंपरागत वोटरों में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। बसपा प्रत्याशी गौहर इकबाल मुस्लिमों व दलितों के सहारे चुनावी नैया पार लगाना चाहते हैं। सपा प्रत्याशी नईमुल हसन मुस्लिमों के साथ छोटी जातियों पर डोरे डाल रहे हैं।
नहटौर में इस बार भाजपा प्रत्याशी ओम कुमार की साख दांव पर है। पिछला चुनाव वे बसपा से जीते थे। अब पाला बदलकर भाजपा में आ गए हैं। ओम कुमार को बसपा प्रत्याशी विवेक कुमार से चुनौती मिल रही है। दोनों दलितों को अपनी ओर खींचने में जुटे हैं। ओम कुमार दलितों के साथ अन्य छोटी जातियों के सहारे चुनाव जीतना चाहते हैं तो विवेक कुमार की नजर दलितों के साथ मुस्लिमों व अन्य पिछड़ी जातियों पर है। कांग्रेस प्रत्याशी मुन्नालाल प्रेमी की मुस्लिमों के साथ अन्य पिछड़ी जातियों पर नजर है। रालोद प्रत्याशी चंद्रपाल वाल्मीकि जाटों के साथ अन्य बिरादरियों को रिझा रहे हैं।
धामपुर में दो ठाकुर नेताओं में कड़ा मुकाबला दिख रहा है। सपा से मंत्री मूलचंद चौहान व भाजपा से पूर्व विधायक अशोक राणा मैदान में हैं। बसपा ने बढ़ापुर विधायक मोहम्मद गाजी पर दांव खेला है। मूलचंद चौहान मुस्लिमों के साथ अन्य जातियों के सहारे समर में डटे हैं। बसपा प्रत्याशी मोहम्मद गाजी मुस्लिम-दलितों के सहारे हैं। भाजपा प्रत्याशी अशोक राणा परंपरागत वोटों के साथ दलितों व अन्य छोटी जातियों पर डोरे डाल रहे हैं। रालोद प्रत्याशी नईमुद्दीन अंसारी मुस्लिमों व जाटों के सहारे मैदान मारना चाहते हैं।
नजीबाबाद में सपा प्रत्याशी तसलीम अहमद, बसपा प्रत्याशी जमील अहमद अंसारी, भाजपा प्रत्याशी राजीव अग्रवाल व रालोद प्रत्याशी लीना सिंघल में कड़ा मुकाबला दिख रहा है। तसलीम अहमद पिछले चुनाव में इस सीट से जीते थे। वे पाला बदलकर सपा में आए हैं। तसलीम की कोशिश मुस्लिमों के साथ अन्य पिछड़ी जातियों के वोट पाने की है। जमील अहमद अंसारी अपनी बिरादरी व अन्य मुस्लिमों के साथ दलित वोटों पर दांव लगा रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी राजीव अग्रवाल वैश्य व भाजपा के परंपरागत वोटों के सहारे डटे हैं। राजीव अग्रवाल को रालोद प्रत्याशी लीना सिंघल से कड़ी चुनौती मिल रही है। लीना भाजपा से बगावत कर रालोद के टिकट पर मैदान में हैं।
नगीना में सपा विधायक मनोज पारस, भाजपा प्रत्याशी ओमवती व बसपा प्रत्याशी वीपी सिंह में कड़ा मुकाबला दिख है। मनोज पारस को अपने ही लोगों से चुनौती मिल रही है। मनोज पारस मुस्लिमों के साथ दलितों में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अन्य पिछड़ी जातियों पर भी उनकी नजर है। भाजपा प्रत्याशी ओमवती पार्टी के परंपरागत वोटरों के साथ दलितों में सेंध लगा रही हैं। बसपा प्रत्याशी वीपी सिंह दलितों के साथ मुस्लिमों को भी अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस सीट पर रालोद ने यादराम चंदेल पर दांव खेला है।
बढ़ापुर में बागी प्रत्याशी डॉ. इंद्रदेव सिंह व रालोद से प्रत्याशी राधा सैनी भाजपा को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी मुरादाबाद सांसद सर्वेश कुमार के पुत्र सुशांत सिंह को कड़ी चुनौती मिल रही है। डॉ. इंद्रदेव सिंह भाजपा से टिकट कटने के बाद निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। वे भाजपा से लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं। बसपा के फहद यजदानी मुस्लिमों व दलितों के सहारे चुनावी नैया पार करने में जुटे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी हुसैन अहमद अंसारी सपा, कांग्रेस गठबंधन से मजबूती से मैदान में हैं। कोतवाली के पूर्व ब्लॉक प्रमुख चौधरी कुलबीर सिंह क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय हैं। वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
Thursday, 02 February 2017 11:25
मुद्दों नहीं, जोड़-तोड़ के सहारे होगा सीट पर कब्जा
Written by Nagina.Netबिजनौर मेंं विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू होते ही जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। मुद्दे गायब होते जा रहे हैं और धर्म और जाति की राजनीति हावी होने लगी है। जिले की हर विधानसभा सीट का अलग समीकरण है। कई जगह पार्टी प्रत्याशियों के लिए बागी बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
Additional Info
- Source: AmarUjala
- English Version: only seat manipulation is being practiced in bijnor, no election issues for public in bijnor uttar pradesh politics
Published in
Blogs
Tagged under