Saturday, 24 September 2016 09:49

सुकरो रेल पुल - अब नए सिरे से होगा निर्माण

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 najibabad kotdwar bridge

नजीबाबाद में कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच क्षतिग्रस्त सूकरो रेलवे पुल का दूसरा पिलर ढह जाने के बाद रेलवे ने पुराने पिलरों की मरम्मत के बजाय पुल का नए सिरे से ही निर्माण करने का निर्णय कर लिया है। रेलवे अब बरसात के खत्म होने और सुखरो नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार कर रही है।

बरसात रुकते ही पुल का निर्माण शुरू कराने की योजना है। रेलवे अब यहां पर छह पिलर के बजाय एक पिलर वाला पुल का निर्माण कराकर रेल सेवा शुरू कराएगी, जिसमें दो महीने का समय और लगने की संभावना है।

कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच रेलवे के पुल नंबर-16 पर गत 22 जुलाई की रात उफनाई सूकरो नदी के कारण इसका एक पिलर ढह गया था। अंग्रेजों के जमाने में बने सूकरो पुल पर कुल छह पिलर बने थे। इनमें नजीबाबाद की ओर से कोटद्वार की ओर पिलर नंबर चार पहले ढह गया था। इस बीच रेलवे बाकी पांच पिलरों को नदी के कटाव से बचाने के लिए तारजाल निर्माण समेत कई उपाय करती रही। इस बीच गत 12 सितंबर को पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश से एक बार फिर सूकरो नदी उफनाने लगी, जिसकी चपेट में आकर पिलर नंबर एक भी ढह गया। दूसरा पिलर भी ढहने के बाद रेलवे ने पुल की मरम्मत का निर्णय बदलकर इसे नए सिरे से बनाने का निर्णय किया है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि गत 14 सितंबर को कोटद्वार घटनास्थल पर पहुंची नई दिल्ली स्थित बड़ौदा हाउस रेल मुख्यालय की ब्रिज डिजायन टीम ने क्षतिग्रस्त रेल पुल का मुआयना किया था। टीम के इंजीनियरों ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा ब्रिज के पिलर ज्यादा गहरे नहीं हैं।

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