वहीं गतिविधि देखने के लिए चार ट्रैप कैमरे में लगाए गए हैं। एक बार फिर गुलदार दिखाई देने से गांव में भय का माहौल बन गया है।
शुक्रवार की शाम करीब 6:45 बजे अपनी मां के साथ मंदिर जा रही एक 14 वर्षीय किशोरी को अपना शिकार बना चुके गुलदार की दहशत से ग्रामीण भयभीत हैं। शनिवार शाम करीब 10 बजे वन विभाग के अधिकारियों ने गांव में एक दूसरा पिंजरा लगाते हुए चार ट्रैप कैमरे भी लगा दिए। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो रात भर गुलदार की निगरानी के लिए पांच सदस्य टीम एक जीप व हथियारों के साथ गांव में मौजूद रही लेकिन गुलदार की कोई हलचल दिखाई नहीं दी। वन दरोगा रुचित चौधरी की मानें तो सुबह कैमरे उतारकर उसमें गुलदार की हलचल को देखा गया, लेकिन गुलदार की कोई गतिविधि कैद नहीं हुई।
पंजे के निशान के सहारे पकड़ने का प्रयास
वन दरोगा ने बताया कि गांव की पटरी पर मिट्टी डाली जा रही है ताकि गुलदार यदि उस रास्ते से गुजरे तो उसके पंजों के आधार पर उसे ढूंढा जा सके। रविवार की सुबह करीब सात बजे खेत पर काम करने गए ग्रामीणों को गुलदार दिखाई दिया तो उन्होंने शोर मचा दिया। काफी संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ मौके पर पहुंचे तो गुलदार भाग गया।