जिलाध्यक्ष राहुल सिंह ने कहा कि कोविड 19 की वजह से सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं। छोटे बड़े उद्योग व ट्रांसपोर्टर कारोबार प्रभावित होने से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद जनमानस कुटीर उद्योगों, खेतीबाड़ी व ट्रांसपोर्ट से अपना काम चलाना चाहता है और टूटी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की जद्दोजहद में लगा है। लेकिन सरकार ने पेट्रोल, डीजल के दामों में लगातार इजाफा करके इनके दाम दो सप्ताह में करीब दस रुपये लीटर तक बढ़ा दिए हैं। यूपी में सरकार बिजली बिलों पर भी बढ़ोतरी करने जा रही है। किसानों को गन्ना भुगतान भी नहीं किया जा रहा है जबकि किसानों को सरकार की ओर से कोई रियायत भी नहीं दी गई है। कहा कि नगर पालिका व पंचायतों में सफाई करने वाली मशीनों को सीधे कंपनी से न खरीदकर सप्लायरों से खरीदकर पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है। राहुल सिंह ने कहा कि जनता पर महंगाई का बोझ डालना उन पर अत्याचार है। राष्ट्रपति से पेट्रोल व डीजल की कीमतों पर रोक लगाने, गन्ना भुगतान शीघ्र कराने, बिजली दर न बढ़ाने की मांग की है। इस दौरान पूर्व सांसद मुंशीराम पाल, पूर्व विधायक सुखवीर सिंह, ब्रजवीर सिंह, पूनम चौधरी, अशोक चौधरी, पीतम सिंह, महेंद्र सिंह, हरपाल सिंह आदि मौजूद रहे।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ भड़के किसान
बिजनौर/चांदपुर । भाकियू के बैनर तले किसानों ने पेट्रोल, डीजल की बढ़ी कीमतों सहित अनेक समस्याओं को लेकर पूरे जनपद में तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और ज्ञापन दिए।
भाकियू के बैनर तले किसानों ने कलक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम बृजेेश कुमार को देते हुए समस्याओं के निस्तारण की मांग की गई। पुलिस पर जनता के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जेल भरो आंदोलन करने का एलान किया गया। युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने कहा कि पुलिस कुछ सत्तासीन नेताओं के इशारों पर भाकियू नेताओं पर मुकदमे दर्ज कर रही है। पुलिस के उत्पीड़न के खिलाफ जल्दी ही जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। किसानों ने कहा कि यूपी का किसान नगदी की समस्या से जूझ रहा है। कोविड 19 के कारण किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी करके किसानों की कमर तोड़ रही है।
ज्ञापन में सरकार से पेट्रोल, डीजल पर लगाए कर में छूट देने, बिजली की दर कम करने, सामान्य योजना में किसानों को नलकूप कनेक्शन देने, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू व निजी नलकूूपों के संयोजन पर ब्याज व पेनल्टी की छूट दो माह बढ़ाने, किसान सम्मान निधि का लाभ सभी किसानों को दिलाने, फसलों का न्यूनतम समर्थन घोषित कर कम कीमत पर सामान खरीदने वालों पर कार्रवाई करने, किसान ऋण मोचन योजना में पात्र लंबित प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने, किसानों को खाद उपलब्ध कराने, चालान के नाम पर जनता का उत्पीड़न रोकने की मांग की गई। इस दौरान जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, सुनील प्रधान, प्रमोद कुमार, उदयवीर सिंह, नितेंद्र सिंह, अतुल कुमार, रामौतार सिंह, धर्मवीर सिंह धनकड़, होशियार सिंह, धीर सिंह बालियान, सत्यपाल सिंह आदि मौजूद रहे।
चांदपुर में भाकियू कार्यकर्ताओं ने तहसील में धरना दिया और पेट्रोल व डीजल के दामों पर रोष व्यक्त करते हुए बढ़े दाम वापस लेने की मांग की। एसडीएम घनश्याम वर्मा के दिए ज्ञापन में भाकियू ने डीजल पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर अधिकतम दस रुपये लीटर करने, लॉकडाउन के अंतर्गत फल, सब्जी, दूध, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन, फूल उत्पादन आदि किसानों के नुकसान की भरपाई हेतु 15 लाख करोड़ का पैकेज दिए जाने, किसान सम्मान निधि छह हजार से बढ़ाकर 24 हजार किए जाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून के दायरे में लाकर समर्थन मूल्य से नीचे खरीद करने वाले पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। आवश्यक अधिनियम संशोधन, कॉन्ट्रेक्ट फार्मिक अध्यादेश व प्रस्तावित विद्युत संशोधन अधिनियम को तुरंत वापस लेने, किसानों के सभी तरह के कर्ज माफ करने की मांग की गई है। धरने पर चौधरी अशोक कुमार, चौधरी रामपाल सिंह, दलेल सिंह, उसमान, इरशाद, शीशपाल सिंह, चौधरी राकेश प्रधान, मुखिया रामफल सिंह, कल्याण सिंह, नदीम अहमद, मो. याकूब आदि मौजूद रहे।
भारी पुलिस बल रहा तैनात
बिजनौर। भाकियू के तहसील में धरना प्रदर्शन के दौरान तहसील में भारी पुलिस बल तैनात रहा। प्रशासन को किसानों के भड़कने का डर था। प्रशासन ने भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह के खिलाफ सोमवार को एक मामले में रिपोर्ट दर्ज की थी। किसान इसे लेकर आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। इस वजह से कलक्ट्रेट में पुलिस बल तैनात रहा।