ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री का कहना है कि 1 दिसंबर 2019 तक देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स का भुगतान फ़ास्टैग के ज़रिए होगा. फ़ास्टैग एक डिजिटल स्टिकर है जो गाड़ियों के सामने के शीशे पर लगा होना चाहिए. इसके ज़रिए सरकार कैशलेस टोल टैक्स भुगतान को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. अगर 1 दिसंबर तक गाड़ी में फ़ास्टैग नहीं लगवाया जाता तो इसके बाद व्यक्ति को टोल नाके पर दोगुना भुगतान करना पड़ सकता है.
क्या फ़ास्टैग है?
कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा देने वाला फ़ास्टैग एक डिजिटल स्टिकर है जो रेडियो फ्ऱिक्वेन्सी आईडेंटिफ़िकेशन टेक्नोलॉजी यानी आरएफ़आईडी पर आधारित है. फ़िलहाल जो व्यवस्था टोल नाकों पर लागू है उसमें कैश और कैशलेस दोनों तरीक़ों से टैक्स का भुगतान किया जा सकता है. नई व्यवस्था के तहत फ़ास्टैग लगी गाड़ियों को टोल नाके पर खड़े होने की ज़रूरत नहीं होगी. व्यक्ति के अकाउंट से टोल टैक्स की रक़म ख़ुद ही प्रीपेड अकाउंट या लिंक किए हुए बैंक अकाउंट से काट लिए जाएंगे. टोल नाके पर लोगों को दिक्कत न हो इसके लिए सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल की सभी लेन को फ़ास्टैग लेन बनाने का फ़ैसला किया है. आने-जाने वाली एक एक लेन को मौजूदा व्यवस्था के तहत अन्य तरीक़ों से टैक्स लेने के लिए हाइब्रिड लेन नामित किया जाएगा.
फ़ास्टैग से जो फ़ायदे होंगे उसमें सबसे बड़ा ये है कि टोल नाकों पर भीड़ कम होगी. गाड़ी रूकेंगी नहीं तो न यात्रियों को परेशानी होगी न ही गाड़ी से निकलने वाले धुएं के कारण पर्यावरण दूषित होगा. सरकार के पास हर गाड़ी के एक डिजिटल रिकॉर्ड भी स्वत: ही दर्ज हो जाएगा जिससे जरूरत पड़ने पर गाड़ी को ट्रैक करना आसान होगा. वाहन चालक को साथ में कैश ले कर जाने की कोई ज़रूरत नहीं होगी. आपको अपने मासिक ख़र्च के बारे में भी जानना कहीं अधिक आसान होगा, क्योंकि डिजिटल भुगतान की जानकारी अकाउंट स्टेटमेंट के रूप में आपको मिल जाएगी.
कहां से मिलेगा फ़ास्टैग?
लोग आसानी से फ़ास्टैग ख़रीद सकें इसके लिए कई स्तरों पर व्यवस्था की गई है. 18 नवंबर 2019 तक बैंकों, इंडियन हाईवेज़ मैनेजमेंट कंपनी और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जैसी जगहों पर इसकी बिक्री के लिए 28,500 विक्रय केंद्र बनए गए हैं. साथ ही आरटीओ दफ्तर, साझा सेवा केन्द्र, परिवहन केन्द्र और कुछ चुनिंदा पेट्रोल पम्प पर भी इसे उपलब्ध कराया गया है. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से कहा है कि दिसंबर 1 तारीख तक लोगों को मुफ्त में फ़ास्टैग वितरित किए जाएंगे. इस तारीख़ तक इसके लिए ज़रूरी 150 रुपये का भुगतान राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कर रहा है.
कार, जीप और वैन के लिए फास्टैग ऑनलाइन अमेज़न, पेटीएम पेमेंट बैंक, स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन खरीदे जा सकते हैं. नजदीकी फ़ास्टैग विक्रय केंद्र के बारे में पता करने के लिए आप अपने एंड्रॉएड फ़ोन पर My FASTag App डाउनलोड कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन नम्बर 1033 पर भी आप फोन कर सकते हैं. जैसे आप अपना मेट्रो कार्ड या कोई गिफ्ट कार्ड रीचार्ज करते हैं ठीक वैसे ही फ़ास्टैग रीचार्ज किया जा सकता है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राष्ट्रीय भुगतान निगम या फिर My FASTag App के ज़रिए यूपीआई रीचार्ज सुविधा विकसित की गई है. फ़ास्टैग को नेटबैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड के ज़रिए भी रीचार्ज कराया जा सकता है. आप फ़ास्टैग में 100 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक का रीचार्ज करवा सकते हैं.
फ़ास्टैग नहीं लगाया तो...
सरकार की अधिसूचना के अनुसार फ़ास्टैग के बिना यदि कोई भी गाड़ी टोल नाके में प्रवेश करती है, तो गाड़ी की उस श्रेणी के लिए लागू शुल्क के दोगुना शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा.
किन कागज़ों की होगी ज़रूरत?
फ़ास्टैग के लिए आपको गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट यानी आरसी, गाड़ी के मालिक की पासपोर्ट साइज़ फोटो और ड्राइविंग लाइसेंस की ज़रूरत होगी. साथ ही पते का प्रूफ़ के तौर पर आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड या फिर वोटर आईडी कार्ड की ज़रूरत होगी. अगर आपके पास दो गाड़ियां है तो आपको दोनों के लिए अलग-अलग फास्टैग चाहिए होंगे. एक फ़ास्टैग की वैलिडीटी पांच साल तक की होगी. एक ज़रूरी बात यह है कि अगर आप टोल नाके के 10 किलोमीटर के दाय़रे में रहते हैं तो आपको छूट मिलेगी जो कैश बैक के रूप में आपके खाते में आ जाएगी.