नगीना के मोहल्ला अंबेडकर नगर स्थित स्टार हैंडीक्राफ्ट के स्वामी खुर्शीद कुरैशी के परिसर पर नाबार्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला उद्योग महाप्रबंधक ने बताया कि नगीना को शासन की एक जिला, एक उत्पाद योजना में शामिल किया गया है। इसके तहत काष्ठकला कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए ऋण देने का प्राविधान है। काष्ठकला उद्यमी इस योजना का लाभ उठाकर देश के उत्थान और विकास के लिए कार्य कर सकेंगे। काष्ठ कला को बढ़ावा देने के लिए एक सामान्य सुविधा केंद्र बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा रहा है। यहां समस्याओं का निस्तारण उद्यमियों के सहयोग से किया जाएगा।
समस्याओं के संबंध में शासन को एक रिपोर्ट बना कर शीघ्र प्रेषित की जाएगी। इससे पूर्व लीड बैंक अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि अब कोई भी बैंक 10 लाख के ऋण पर किसी भी उद्यमी से सिक्योरिटी नहीं लेगी। सभी उद्यमी अपनी आवश्यकता अनुसार एक लाख से एक करोड़ तक ऋण बैंकों से प्राप्त कर अपने उद्योग को बढ़ावा दे सकते हैं। बैंक उनके साथ सदैव सहयोग करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता काष्ठकला उद्यमी जुल्फिकार आलम व संचालन नगीना क्राफ्ट डेवलेपमेंट सोसाएटी के अध्यक्ष इरशाद अली मुलतानी ने किया। इस मौके पर खुर्शीद कुरैशी, शमीम अख्तर, फारूख मुलतानी, शब्बन कुरैशी, सरफराज आलम, नितीश सिंह, एनके रस्तोगी, एनजीओ सुमति फाउंडेशन के सुरेंद्र सिंह, फैजान मुलतानी, नवेद आलम, शहजाद, असद आलम, जनहित सेवा समिति के अध्यक्ष इरशाद अहमद, हस्त शिल्प सेवा समिति के अध्यक्ष शमीम अख्तर, मिर्जा आबिद आदि मौजूद रहे।
एक्सपोर्ट लाइसेंस आसानी से दिलाने की मांग
जनहित सेवा समिति के अध्यक्ष शेख इरशाद अहमद व इंडस्ट्रीयल स्टेट नगीना से रईस अहमद ने नगीना काष्ठ कला को आर्थिक तंगी से उपर उठाने समेत एक छह सूत्री मांग पत्र जिला अधिकारी की गैर मौजूदगी में महाप्रबंधक जिला उद्योग अमिता वर्मा को सौंपा। दिए ज्ञापन में शिल्पकारों को एक्सपोर्ट लाइसेंस आसान सुविधा से दिलाने, लकड़ी का डिपो खुलवाने हस्तशिल्पकारों के लिए प्रदर्शनी केन्द्र बनवाने संबंधी मांगपत्र सौंपा। ज्ञापन में मोहम्मद तालिब मुलतानी, मोहम्मद सद्दन, नसीम अहमद, अंजार अहमद, शहीर आलम, सरफराज आलम के हस्ताक्षर हैं। कार्यक्रम में नगीना कास्ट कला की विभिन्न समस्याओं को नगीना क्राफ्ट डेवलपमेंट सोसायटी की ओर से रखा गया। समस्याओं में जीएसटी, बिजली की दरों में कमी, विद्युत आपूर्ति सुचारु की जाने, शिल्पग्राम बनाए जाने, नगीना में यातायात व्यवस्था के लिए रेलवे ओवरब्रिज बनाने, कास्ट कला के संबंध में तकनीकी शिक्षा दिए जाने के लिए छोटी-छोटी आरा मशीनों को नियमित करने तथा यूनिट के भीतर आरा मशीनों को लगाने की स्वीकृति प्रदान करने आदि पर मंथन किया गया। यह भी मांग उठाई गई कि नगीना में बंद पड़ी कताई मिल को चालू किया जाए अथवा बंद पड़े मिल में कारीगरों को आवंटित अपनी यूनिट लगाने के लिए दिया जाए।