भीम आर्मी की वेस्ट यूपी से लेकर देश भर में हो रही सभाओं से बसपा में खलबली मची हुई है। भीम आर्मी की सभा में अनुसूचित जाति के लोगों की खूब भीड़ उमड़ रही है। इतना ही नहीं समाज के युवाओं पर भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। पिछले दिनों बिजनौर के इंदिरा बाल भवन में हुई भीम आर्मी की सभा में भी समाज के लोगों की भीड़ उमड़ी थी। समाज के कई बड़े नेता भी इस सभा में शामिल हुए थे। बसपा से निकाले गए पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी व नूरपुर क्षेत्र के कद्दावर नेता गौहर इकबाल ने भी भीम आर्मी का दामन थाम लिया था। दोनों ने बिजनौर की सभा को सफल बनाने के लिए खूब भागदौड़ की थी। बसपा से निकाले गए कई अन्य नेता भी सभा में शामिल हुए थे। बसपा के जिले के नेता भीम आर्मी की सभा पर नजर रख कर सारी रिपोर्ट बसपा की नेता मायावती को दे रहे थे। बिजनौर की सभा में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरने के संकेत भी दिए थे। तभी से बसपा नेताओं के तोते उड़े हूए थे। बसपा नेता नहीं चाहते कि लोकसभा चुनाव से पहले भीम आर्मी मजबूत हो। बसपा ने भीम आर्मी में शामिल नेताओं पर डोरे डालकर उन्हें बसपा में शामिल करना शुरू कर दिया है। नूरपुर क्षेत्र के नेता गौहर इकबाल को भीम आर्मी से वापिस बसपा में शामिल कर लिया गया है। उन्हें बसपा का मुख्य जोन कोआर्डिनेटर बनाया गया है। रविवार को मुरादाबाद में हुई बसपा की बैठक में गौहर इकबाल को पार्टी में शामिल करके जोन कोआर्डिनेटर बनाने की घोषणा की गई। सूत्रों के मुताबिक बसपा ने पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी व अन्य नेताओं को भी पार्टी में वापिस लेने की कवायद शुरू कर दी है। मोहम्मद गाजी का पार्टी के एक बड़े पदाधिकारी से छत्तीस का आंकड़ा है। इस पदाधिकारी की वजह से वह बसपा में वापस नहीं आ रहे। जल्द ही पार्टी के दोनों के बीच सहमति बनाने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। बसपा के जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह के मुताबिक गौहर इकबाल की पहले से मायावती में आस्था रही है, इसलिए वह बसपा में वापस आ गए हैं।
लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही बसपा भीम आर्मी को तोड़ने में जुट गई है। भीम आर्मी में शामिल हुए नेताओं को बसपा ने पार्टी में वापस लेना शुरू कर दिया है। नूरपुर क्षेत्र के कद्दावर नेता गौहर इकबाल को बसपा में वापस ले लिया गया। कई ओर नेताओं पर बसपा पार्टी में वापस लेने के लिए डोरे डाल रही है। बसपा नहीं चाहती की भीम आर्मी मजबूत होकर बसपा का विकल्प बने।
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- Source: AmarUjala