हर साल एक अगस्त को जमीन के नए सर्किल रेट निर्धारित किए जाते हैं। साल 2016 में सर्किल रेट में अधिक वृद्धि नहीं की गई थी। तब सर्किल रेट बढ़ाने के बजाए सर्किल रेट व बाजार कीमत को एक स्तर पर लाने की कोशिश की गई थी। साल के अंत में नोटबंदी लागू होने का असर जमीन की खरीदारी पर भी पड़ा था। तब बैनामे कम हो गए थे और शासन को स्टांप ड्यूटी के रूप में मिलने वाला राजस्व भी बहुत कम हो गया था। इसे देखते हुए भी सर्किल रेट में अधिक वृद्धि नहीं की गई थी। कहीं-कहीं पांच प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ाए गए थे, लेकिन इस साल सर्किल रेट में अच्छी खासी वृद्धि होना तय माना जा रहा है। इसके लिए प्रशासन ने लेखपालों आदि को सर्वे करने के लिए लगा दिया है।
नगरीय क्षेत्र में जमीन की कुल कीमत पर सात प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्र में पांच प्रतिशत की स्टांप ड्यूटी दी जाती है। महिलाओं को दोनों जगह एक प्रतिशत की छूट दी जाती है।
जिला मुख्यालय पर रिंग रोड पर इस समय काफी विकास कार्य हो रहे हैं। इसके अलावा गांवों में भी जमीन की बाजार कीमत बढ़ी है। इसी को ध्यान में रखते हुए सर्किल रेट बढ़ाए जाएंगे। शहरों के आसपास के क्षेत्र में सर्किल रेट 20 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। सहायक आयुक्त स्टांप अजय त्रिपाठी के अनुसार डीएम कार्यालय से एसडीएम व तहसील कार्यालय को सर्वे कराने के लिए कहा गया है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही नया सर्किल रेट निर्धारित होगा।