मोहल्ला काजीसराय स्थित मदरसा फैजुल कुरान में कक्षा एक से पांच तक के सभी विद्यार्थियों के लिए धामपुर निवासी अजित कुमार के एनजीओ द्वारा मिड-डे मील सप्लाई किया जाता है। सोमवार को भी अजित का साथी जावेद मदरसे के कुल 268 बच्चों के लिए मिड-डे मील लेकर पहुंचा था। खाने में आलू, टमाटर व सोयाबीन की सब्जी और चावल थे। वह खाने का भगौना देकर लौट गया। दोपहर को जब मदरसे के बच्चों ने मिड-डे मील खाना शुरू किया तभी अध्यापकों शरीफ अहमद व हाफिज अहसान को सब्जी में मरी हुई छिपकली दिखाई दी। तब तक करीब 60 से 70 बच्चों ने खाना खाया था। खाना खाने के बाद 50 बच्चों की तबियत बिगड़ने लगी और बच्चों को उल्टी व जी मिचलाने की शिकायत होने लगी। यह देखकर मदरसे के अध्यापक घबरा गए। उन्होंने इसकी सूचना थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार ¨सह व प्रशासनिक अधिकारियों को दी। आनन-फानन में थाना प्रभारी पुलिस टीम के साथ मदरसे पहुंचे और मिड-डे मील खाने से बीमार हुए सायमा, गुलफिशां, कशिश, इकरा, तरन्नुम, शादाब, सादिया, आफरीन, जैद, जुनैद, फैसल, जेबा, मौ. उमर, अमन, साकिब, रिहान, हमजा, इल्मा, साहिल, सुबहान, शाहवेज, मिस्वाह आदि को उपचार के लिए सीएचसी भिजवाया। एसडीएम डा. गजेंद्र ¨सह व सीओ महेश कुमार ने सीएचसी पहुंचकर बीमार बच्चों का हाल जाना। थाना प्रभारी ने बताया कि एनजीओ संचालक अजित कुमार, जावेद व बिट्टू के खिलाफ मदरसा प्रबंधक अहसानुद्दीन फारूकी की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। उधर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डा. मोहम्मद फैज ने बताया कि खाना खाने से बच्चों को उल्टी व जी मिचलाने की शिकायत थी। सभी बच्चों का सीएचसी में उपचार हो रहा है। सभी की हालत ठीक है।
शासनादेश पर जिले भर के सभी प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों एवं मदरसों में छात्र- छात्राओं को मिड-डे-मील दिया जाता है। मिड-डे-मील बनाने वाले एनजीओ खाना बनाने के दौरान सफाई का ध्यान नहीं रखते। यही कारण है कि नगीना के मदरसा फैजुल कुरान जैसी घटनाएं होती हैं।
जिले की सभी 12 नगर पालिका एवं छह नगर पंचायतों में विद्यालयों के लिए एनजीओ से मिड-डे-मील तैयार कराया जाता है। मदरसा फैजुल कुरान में धामपुर के ठेकेदार अजीत कुमार का एनजीओ खाना सप्लाई करता है। बताया जाता है कि धामपुर से रोजाना खाना नगीना लाया जाता है। सोमवार को खाना खाने के बाद मदरसे में अध्ययनरत बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। 50 से अधिक बच्चे खाना खाने के बाद बीमार हो गये। खाना बनाते समय सफाई का उचित ध्यान नहीं रखने के कारण यह घटना हुई है। गनीमत रही कि समय से उपचार मिलने के कारण सभी बच्चे स्वस्थ हैं।
खाना बनाने में नहीं रखा जाता सफाई का ख्याल
शासनादेश पर जिले भर के सभी प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों एवं मदरसों में छात्र- छात्राओं को मिड-डे-मील दिया जाता है। मिड-डे-मील बनाने वाले एनजीओ खाना बनाने के दौरान सफाई का ध्यान नहीं रखते। यही कारण है कि नगीना के मदरसा फैजुल कुरान जैसी घटनाएं होती हैं।
जिले की सभी 12 नगर पालिका एवं छह नगर पंचायतों में विद्यालयों के लिए एनजीओ से मिड-डे-मील तैयार कराया जाता है। मदरसा फैजुल कुरान में धामपुर के ठेकेदार अजीत कुमार का एनजीओ खाना सप्लाई करता है। बताया जाता है कि धामपुर से रोजाना खाना नगीना लाया जाता है। सोमवार को खाना खाने के बाद मदरसे में अध्ययनरत बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। 50 से अधिक बच्चे खाना खाने के बाद बीमार हो गये। खाना बनाते समय सफाई का उचित ध्यान नहीं रखने के कारण यह घटना हुई है। गनीमत रही कि समय से उपचार मिलने के कारण सभी बच्चे स्वस्थ हैं।
नमूने लेने पहुंची खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के चीफ खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी ¨सह एवं खाद्य निरीक्षक सूचना मिलने पर मदरसे पहुंचे। उन्होंने बताया किया कि मौके पर खाना नहीं मिला था। इस कारण उसका नमूना नहीं लिया जा सका। मदरसे के मैनेजर ने बताया कि पहली शिफ्ट में 268 बच्चे थे। जिन्होंने मिड-डे-मील खाया था। खाने में छिपकली मिलने की जानकारी मिले से हड़कंप मच गया। 50 बच्चे बीमार हो गये। जिन्हें सीएचसी में भर्ती कराया। बचा खाना नष्ट करा दिया गया। मंगलवार को धामपुर पहुंच कर खाना बनाने वाले स्थान का निरीक्षण किया जाएगा एवं तैयार खाने तथा मसालों के सर्विलांस नमूने लिए जाएंगे। कमी मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
नहीं लिए जाते मिड डे मील के नमूने
मिड-डे- मील में छिपकली निकलने व 50 बच्चों के बीमार होने की घटना के बाद भी खाद्य विभाग की कुंभकर्णी नींद नहीं टूटी। खाद्य सुरक्षा विभाग की लापरवाही के चलते नगर में कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है। सोमवार को हुई घटना से प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा। लेकिन गनीमत यह रही कि कोई भी बच्चा ¨चताजनक हालत में नही पहुंचा। इस तरह की घटना भविष्य में न हो इसलिये दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। नगर के दो मदरसों सहित प्राइमरी के 20 स्कूलों को धामपुर निवासी अजीत कुमार की एनजीओ ही मिड डे मील सप्लाई करती है। संस्था धामपुर में खाना बनवाकर नगर क्षेत्र के विद्यालयों में वितरित कराती है।