मनोज पारस मुख्यमंत्री अखिलेश और रामगोपाल यादव के नजदीकी माने जाते हैं। पूर्व सांसद यशवीर सिंह मनोज पारस की जगह काफी दिनों से टिकट मांग रहे थे। मनोज पारस से नाराज खेमा पूर्व सांसद की पैरवी कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मनोज पारस का टिकट काट दिया। रामगोपाल के कहने पर फिर से उनको यह टिकट दे दिया गया। मनोज पारस के मुताबिक टिकटों की सूची में गलती से उनका नाम कट गया था। यह बाद में सही हो गया है।
चुनावी करंट का लगा झटका
बिजनौर में सपा व कांग्रेस के चुनावी गठबंधन में दरार आने से जिले का सियासी माहौल गरमा गया है। सपा ने बढ़ापुर व चांदपुर सीट पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। यह दोनों सीटें कांग्रेस को देने की बात कही जा रही थी। जिले की सभी आठ सीटों पर सपा के प्रत्याशी चुनावी मैदान में आ डटे हैं।
जिले की आठ विधानसभा सीटों में सपा, कांग्रेस का गठबंधन होने पर बढ़ापुर सीट कांग्रेस को जाने की बात कही जा रही थी। चांदपुर सीट पर तय हुआ था कि सीट तो कांग्रेस की रहेगी, पर प्रत्याशी सपा का होगा। चांदपुर सीट से सपा प्रत्याशी शेरबाज पठान पाला बदलकर इसलिए ही बृहस्पतिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए थे। शुक्रवार को सपा ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर राजनीति में हलचल पैदा कर दी। सपा ने बढ़ापुर सीट पर घोषित सपा प्रत्याशी आबिद अंसारी का टिकट काटकर पुराने प्रत्याशी शेख सुलेमान को दे दिया। चांदपुर सीट पर भी नया प्रत्याशी उतारा है। इस बार शेरबाज पठान की जगह अरशद अंसारी को टिकट दिया है। बढ़ापुर से शेख सुलेमान को शुरू में टिकट दिया गया था। मुलायम सिंह व अखिलेश खेमे में चली रार के बीच शेख सुलेमान का टिकट काटकर आबिद अंसारी को थमा दिया था, लेकिन फिर आबिद अंसारी की जगह शेख सुलेमानी को फिर से प्रत्याशी बनाया गया है।
वहीं सभी सीटों पर सपा के प्रत्याशी उतरने से कांग्रेस के नेताओं में खलबली मच गई। सपा के साथ गठबंधन का सपना देख रहे कांग्रेस नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया। गठबंधन में दरार क्यों आई, दोनों दलों के नेता इस बारे में कुछ नहीं बता रहे। उन्हें इस बारे में कुछ मालूम भी नहीं है। इस गठबंधन के टूटने से रालोद नेताओं के चेहरों पर जरूर खुशी दिखाई दी। कई रालोद नेता कह रहे थे कि गठबंधन से जब उन्हें दूर रखा गया तो यह गठबंधन होना ही नहीं था।