Saturday, 31 December 2016 10:56

सपा की रार से बिजनौर की राजनीति गरमाई

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बिजनौर में सपा में टिकटों को लेकर शुरू हुई रार के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व प्रोफेसर रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से निकालने से जिले की सियासत गरमा गई है।

सपा के विधायक, मंत्री व बड़े नेता किसके पाले में हैं, इन नेताओं ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं व चुप्पी साधे हुए हैं। सपा की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा, सभी नेता इस इंतजार में हैं।
सपा में टिकटों को लेकर मची रार की आग की तपिश जिले की राजनीति तक भी पहुंच गई है। शिवपाल यादव के टिकटों की सूची सौंपने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद जिले की राजनीति में भी हलचल मची रही। जिले की आठ सीटों में से सात सीटों पर बिजनौर सीट पर विधायक रूचि वीरा, धामपुर में मंत्री मूलचंद चौहान, नहटौर में मुन्नालाल प्रेमी, नजीबाबाद में विधायक तसलीम अहमद, नगीना में विधायक मनोज पारस, चांदपुर में शेरबाज पठान, नूरपुर में नईमुल हसन का नाम शिवपाल यादव व अखिलेश यादव दोनों की सूची में बतौर प्रत्याशी जारी किया गया है। हालांकि प्रत्याशियों में इस बात को लेकर खलबली मची रही कि कहीं कोईसा खेमा उनके टिकट पर अपनी कैंची न चला दे। सपा के दो गुटों के रार की गाज बढ़ापुर के प्रत्याशी शेख सुलेमान के ऊपर गिर गई।
उनका टिकट काटकर बढ़ापुर नगर पंचायत के चेयरमैन आबिद अंसारी को थमा दिया गया। रामगोपाल यादव ने यह टिकट काटा। अखिलेश यादव की सूची में शेख सुलेमान का भी नाम था। शेख सुलेमान की गिनती मुलायम सिंह के वफादारों में होती आई है। शेख सुलेमान को सभी लोग मुलायम खेमे का मान रहे थे। सबके मन में यह बात थी कि अखिलेश यादव शेख सुलेमान का टिकट काट सकते हैं। पर उन्होंने भी ऐसा नहीं किया। शाम के समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व प्रोफेसर रामगोपाल यादव को सपा से निष्कासित करने पर जिले की राजनीति में भी हलचल मच गई। कौन विधायक, मंत्री व प्रत्याशी किस पाले में है, कोई पत्ते खोलने को तैयार नहीं है।
सबकी नजर लखनऊ की राजनीति पर लगी हुई है। सपा के भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक अधिकांश नेता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हैं और उनको पसंद करते हैं। पर मौजूदा रार को देखते हुए कोई भी अपने मन की बात नहीं कह रहा। छोटे से बड़ा नेता तक यह बताने को तैयार नहीं कि वह किसके पाले में है। और इस रार में आगे क्या होगा।
धामपुर। सपाइयों ने प्रदेश के राज्यमंत्री एवं विधायक मूलचंद चौहान को पार्टी की ओर से एक बार फिर से धामपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट देने पर खुशी जताई। उन्होंने सीएम अखिलेश यादव का आभार जताया। बंदूकचियान स्थित पार्टी कार्यालय पर सपाई एकत्र हुए और यहां मिठाइयां बांटीं। नगराध्यक्ष नसीम राणा के अलावा ताजहम अंसारी, तनवीर जैदी, नदीम मंसूरी, खुर्शीद मंसूरी, बाबर कुरैशी, नौशाद सलमानी, रवेंद्र राजपूत रहे। उधर, फल चौक पर सपा नेता वीरेंद्र रस्तौगी के प्रतिष्ठान पर भी कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई। फरीदुर्रहमान, हाजी मुहम्मद चांद, जीशान, राजीव कुमार, अलोक विश्नोई, प्रीतम रस्तोगी आदि शामिल रहे।
वहीं धामपुर में सपा मुखिया मुलायम यादव के पार्टी विरोध गतिविधियों के चलते सीएम अखिलेश यादव को बाहर कर दिए जाने से जहां पार्टी के कार्यकर्ताओं के चेहरे लटके हैं, वहीं गैर दलों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
नगीना लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद डा. यशवंत सिंह का कहना है कि यह सपा का राजनैतिक झगड़ा नहीं है, बल्कि मुलायम सिंह यादव के परिवार का पारिवारिक झगड़ा है। ऐसे हालात में मुलायम सिंह ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों को सुरक्षित रखने के लिए सीएम अखिलेश को पार्टी से छह साल के लिए निष्किसित किया है। विधानसभा चुनावों को दृष्टिगत रखते हुए भले ही मुलायम सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष हो, लेकिन इन दोनों में पलड़ा अखिलेश यादव का ही भारी रहेगा। भाजपा नगराध्यक्ष पुरुषोत्तम अग्रवाल, भाजपा नेत्री नीरजा सिंह, ज्योति सिंह, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह, राजू गुप्ता ने भी इसी प्रकार के बात दोहराई है। जबकि सपा के नगराध्यक्ष नसीम राणा का कहना है कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हैं। उधर अफजलगढ़ के सपा नेता शैलेंद्र चौहान का कहना है कि परिवारवाद की लड़ाई ने पार्टी को दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया है।

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