Tuesday, 25 June 2024 00:13

बाल श्रम - एक अभिशाप

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भारत में बाल श्रम की समस्या विशेष रूप से छोटे शहरों में अधिक प्रमुख है। यह अपराध हमारे समाज के लिए एक महामारी की तरह है, जो बच्चों की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों को हानि पहुंचाता है। छोटे शहरों में बाल श्रम की समस्या को लेकर विभिन्न कारण हैं, जिनमें गरीबी, अनपढ़ता, परिवार की आर्थिक स्थिति, शिक्षा की कमी और व्याप्त सामाजिक परंपराएँ शामिल हैं।

बच्चे अपने माता-पिता की मदद के लिए काम पर भेजे जाते हैं, लेकिन इसका परिणाम यह होता है कि उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह बच्चों को उनके अधिकार से वंचित करता है और उन्हें समाज की मुख्यधारा से दूर ले जाता है।

भारतीय सरकार ने बाल श्रम को रोकने के लिए कई कानूनी प्रावधान बनाए हैं, जैसे कि बाल श्रम (प्रतिष्ठान और आपराध) अधिनियम, 1986। इसके बावजूद, अन्य दलों के आगे बच्चों के शोषण का खतरा अभी भी मौजूद है।

इस समस्या को समझना और उसे रोकने के लिए हमें समाजिक जागरूकता बढ़ानी होगी, शिक्षा को मजबूत करना होगा, गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता पहुंचानी होगी, और कानूनों का सख्ती से पालन करना होगा। इससे न केवल हम बच्चों को उनके अधिकारों का आनंद दिला सकेंगे, बल्कि हमारे समाज को भी मजबूत और विकसित बनाने में मदद मिलेगी

Read 408 times Last modified on Tuesday, 25 June 2024 00:18

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