किशोरी ने अपने हुनर से अपने घर की ही रोशन नहीं किया बल्कि अपना हुनर सिखाकर करीब 70 परिवारों को रोजगार से जोड़ा और उनका घर भी रोशन किया।
जी हां तहसील क्षेत्र के गांव अलीपुरा निवासी किशोरी शाहिस्ता परवीन हुनर का दूसरा नाम है। गांव में कक्षा आठ की पढ़ाई पूरी करने के बाद शाहिस्ता ने स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा। शाहिस्ता ने चूड़ियों को आकर्षक ढंग से सजाने का काम शुरु किया। शाहिस्ता का यह हुनर उसके रोजगार का मजबूत साधन बन गया। शाहिस्ता के इस हुनर की डिमांड दूर-दूर से आने लगी। शाहिस्ता ने परिवार की मुफलिसी दूर करने के लिए स्वजन सलमा, शहनाज, नाहिद को अपने साथ काम पर लगा लिया। काम बढ़ा तो धीरे-धीरे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी। शाहिस्ता यहीं पर नहीं रुकी उन्होंने अपने इस हुनर को आस पड़ोस की साजिया, नगमा, सोफिया, मुूस्कान, नाजिया, अलिमा, काजल आदि किशोरियों और महिलाओं को सिखाया। शाहिस्ता के इस हुनर से करीब 70 परिवार को रोजगार तो मिला ही साथ ही उनके परिवार आर्थिक की स्थिति में सुधार आया है।
चूड़ियों को कैसे बनाती है आकर्षक
शाहिस्ता बताती हैं कि वह बाजार से साधारण चूड़ी खरीदकर लाती है। एक-एक चूड़ी पर नग, सितारे, जरी, मीना और मोती चिपकाकर उसे आकर्षक बनाया जाता है। एक डिब्बे में करीब 24 साधारण चूड़ी आती हैं। परिवार के सभी सदस्य मिलकर चूड़ियां तैयार करते हैं, तो चार सौ से पांच सौ रुपये रोज की आमदनी होती है। इस काम से अन्य परिवार भी रोजाना दो सौ से चार सौ रुपये कमा लेते हैं।
सिलाई, कढ़ाई और बुनाई का हुनर
शाहिस्ता चूड़ियों का आकर्षक ढंग से सजाने के साथ सिलाई, कढ़ाई और बुनाई भी करती है। शाहिस्ता किशोरियों और महिलाओं को भी सिलाई, कढ़ाई और बुनाई का हुनर देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने का काम कर रही हैं।