Tuesday, 30 July 2019 13:19

जिले में प्रतिमाह एक हजार युवा हो रहे मधुमेह का शिकार

Written by
Rate this item
(1 Vote)

diabetes bijnor

बिजनौर। जिले में प्रतिमाह करीब एक हजार युवा मधुमेह की चपेट में आ रहे हैं। हर महीने 20 से 40 साल की आयु वर्ग के युवाओं की रिपोर्ट डाइबिटीज पॉजिटिव आने से चिकित्सक हैरानी में हैं।

चिकित्सक असंतुलित खानपान और आरामदायक जीवनशैली को इस रोग की जड़ मान रहे हैं। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में प्रतिदिन करीब 250 मरीजों के खून के नमूने की जांच की जाती है। इनमें से लगभग 30 मरीज 20 से 40 आयु वर्ग के होते हैं। चिकित्सकों ने ऐसे युवाओं को संतुलित खानपान और नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी है।

बदलते लाइफ स्टाइल के कारण युवा किसी न किसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इनमें मधुमेह की समस्या आम सुनने को मिलती है। चिकित्सकों के अनुसार समय पर खाना न खाना, देर रात तक जागना, सुबह देर तक सोना, चिंता, जंक फूड अन्य आदि मधुमेह के साधन हो सकते हैं। मधुमेह की समस्या आजकल बढ़ती ही जा रही है। जिला अस्पताल के सीएमएस एवं फिजीशियन डॉ. सुखवीर सिंह ने बताया कि पिछले करीब पांच साल में युवाओं में मधुमेह की समस्या बढ़ी है। जिले में प्रतिमाह करीब एक हजार युवा मधुमेह रोग की जद में आ रहे हैं। उनका मानना है कि आरामदायक जीवनशैली और अनियमित खानपान युवाओं को मधुमेह का शिकार बना रहा है। इसका मुख्य कारण मोटापा माना जाता है। इसलिए सभी लोगों को प्रतिदिन कम से कम एक घंटा योगाभ्यास और व्यायाम जरूर करना चाहिए। मोटापे को नियंत्रण में नहीं रखने से हृदय संबंधी बीमारियां भी आसानी से हो सकती हैं। इसलिए सभी को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. संजय शंकर बताते हैं कि पैथोलॉजी लैब में प्रतिदिन करीब 250 मरीजों की ब्लड टेस्ट किया जाता है। इनमें से करीब 50 मरीज मधुमेह पॉजिटिव निकलते हैं। 50 में से करीब 30 लोग 20 से 40 वर्ष तक की आयु वर्ग के होते हैं, डाइबिटीज पॉजिटिव निकल रहे हैं।

आनुवांशिक रोग है मधुमेह

चिकित्सकों के अनुसार मधुमेह आनुवांशिक रोग है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है यह अन्य लोगों को नहीं होगा। जिन व्यक्तियों के माता-पिता में से किसी एक को भी यह बीमारी है तो वह संतान में भी आ सकती है। इसलिए गर्भावस्था में ही चैकअप आदि पर विशेष ध्यान दें। ये लक्षण दिखाई देने पर जांच अवश्य करानी चाहिए। चिकित्सकों की मानें तो आउटडोर गेम खेलने से फालतू कैलोरी बर्न होती रहती है। इससे मधुमेह और हृदय आदि से संबंधित समस्याएं उत्पन्न नहीं होती।

खाली पेट कराएं ब्लड शुगर चैकअप

चिकित्सकों के अनुसार ब्लड शुगर चैकअप कराना चाहिए। इसके लिए कम से कम आठ से दस घंटे भूखे रहना चाहिए। खाली पेट ब्लड शुगर लेवल की सामान्य मात्रा 80 से 120 होती है और खाना खाने के बाद शुगर की जांच सामान्य मात्रा 140 से 160 होनी चाहिए। चिकित्सक कहते हैं कि लोगों में इंसुलिन को लेकर अनेक भ्रांतियां हैं कि अधिक इंसुलिन लेने से तरह-तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं, लेकिन ये सब गलत है। मधुमेह में इंसुलिन लेना बेहद ही जरूरी होता है। जीवन भर इंसुलिन लेने से शुगर नियंत्रित रहती है। इससे कोई अन्य परेशानी नहीं होती।

शुगर बढ़ने के लक्षण

1. खाना खाने के बाद भी वजन में कमी आना।
2. अधिक भूख और प्यास लगना।
3. अधिक पानी पीने के बावजूद मुंह सूखना।
4. खासतौर से रात में बार-बार पेशाब जाना।
5. हाथ और पैर में चीटियां चलने जैसा महसूस होना।
6. जल्दी थकावट होना, कमजोरी महसूस होना।

Additional Info

Read 1749 times Last modified on Tuesday, 30 July 2019 13:25

Leave a comment