नगीना सीट बसपा के खाते में जाने के बाद से यशवीर सिंह दूसरे दल में जाने का रास्ता तलाश रहे थे। कई दिनों से वे भाजपा नेताओं के पास परिक्रमा करने में लगे थे। नगीना सीट से वे भी भाजपा के टिकट के दावेदार बन गए हैं। नगीना लोकसभा सीट 2009 में बनी थी। इस सीट पर पहली बार हुए चुनाव में सपा के टिकट पर यशवीर सिंह धोबी सांसद बने थे। उन्होंने बसपा की मंत्री ओमवती के पति आरके सिंह को चुनाव में पटकनी दी थी। संसद में बहस के दौरान यशवीर सिंह ने सोनिया गांधी के हाथ से प्रमोशन में आरक्षण का विधेयक लेकर फाड़ दिया था। वे इससे पूरे देश में चर्चा में आ गए थे। यशवीर सिंह 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। यशवीर सिंह मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते थे। 2019 के चुनाव में उनकी नजर फिर से नगीना सीट पर सपा का टिकट हासिल करने पर लगी थी। बसपा के साथ गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में चली गई। यशवीर सिंह धोबी को इससे धक्का लगा। उन्होंने दूसरे दल में जाने का रास्ता तलाशना शुरू कर दिया। पिछले कई दिनों से यशवीर सिंह धोबी भाजपा नेताओं की दिल्ली व लखनऊ में परिक्रमा करने में लगे थे।
वहीं मंगलवार को उन्होंने लखनऊ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय के सामने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। यशवीर सिंह धोबी नगीना सीट पर भाजपा के टिकट के बड़े दावेदार हैं। यशवीर सिंह के भाजपा में आने से भाजपा के टिकट के दावेदार नेताओं को भी झटका लगा है। भाजपा में नगीना सीट से टिकट के बीच मुकाबला और कड़ा हो गया है।