थाना नगीना के गांव बिंजाहेड़ी निवासी तेजपाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके छोटे भाई सोनू की शादी थाना नगीना के ग्राम ज्ञानपुर निवासी तारा के साथ वर्ष 2008 में हुई थी। सोनू ने इस हत्याकांड से दस माह पूर्व बिजनौर के मोहल्ला चमरपेड़ा निवासी रीना से कोर्ट मैरिज कर ली थी। इससे क्षुब्ध होकर पहली पत्नी तारा ने अपने पति सोनू व उसके पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न व भरण पोषण का मुकदमा दर्ज कराया था।
30 अगस्त 2011 को नगीना में मुकदमे की सुनवाई के दौरान तारा के भाई सूरजा व बब्लू ने सोनू को जान से मारने की धमकी दी थी। 31 अगस्त 2011 को मृतक का भाई तेजपाल, मां विद्या देवी व छोटा भाई मुकेश बिजनौर आए हुए थे। जब वे लोग घर लौटे तो उनको अपने मकान के अलग-अलग कमरों में सोनू व रीना की लाश पड़ी मिली। गांव के ही मुनेश त्यागी, शेर सिंह आदि ने बताया कि सोनू का साला सूरजा व बब्लू अपने साथी विजेंद्र के साथ उन्होंने घर में अंदर जाते देखे थे और कुछ समय बाद उन्हें बाहर जाते भी देखा था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सोनू द्वारा रीना से दूसरी शादी किए जाने से पहली पत्नी के भाइयों ने रंजिशन इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया।
शासकीय अधिवक्ता इसरार अली के अनुसार अदालत ने इस दोहरे हत्याकांड में सूरजा व उसके भाई बबलू को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोष सिद्ध न होने पर तीसरे आरोपी विजेंद्र को बरी कर दिया है।