बृहस्पतिवार की सुबह पांच बजे काशीपुर से एलपीजी सिलेंडर से भरा ट्रक हरिद्वार जा रहा था। मानियावाला के निकट ट्रक पहुंचा तो उसके केबिन में शार्टसर्किट से आग लग गई। चालक ने विस्फोट की स्थिति से बचने के लिए ट्रक के पीछे का डाला खोल दिया। कई सिलेंडर ट्रक से नीचे गिर गए। धीरे धीरे आग ने विकराल रूप लेना शुरू कर दिया। आग की विकरालता को देखते हुए चालक ने आसपास के घरों में मौजूद लोगों को सतर्क कर दिया। देखते ही देखते ट्रक के अंदर भड़की आग से सिलेंडरों में विस्फोट होने शुरू हो गए। सिलेंडरों के टुकड़े आग के गोलों के साथ 100-100 मीटर दूर जाकर गिरे। दो सौ से अधिक सिलेंडर विस्फोट में फट गए। तेज धमाकों से 15-20 किलोमीटर की परिधि के लोग थर्रा गए। सूचना मिलने के करीब डेढ़ घंटे बाद 6.30 बजे अग्निशमन विभाग के कर्मचारी पहुंचे। कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से ढाई घंटे बाद 8.30 बजे आग पर काबू पाया। गांव में सिलेंडरों के जलते टुकड़ों के लगने से जैबुलनिशा (14) पुत्री रशीद अहमद और जहीरूद्दीन जख्मी हो गया। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वहीं अफजलगढ़ में ट्रक में लदे एलपीजी गैस सिलेंडरों में धमाके के साथ विस्फोट होने से काफी दूर तक के लोग दहल उठे। विस्फोट के कारण जमीन धंस गई। घटनास्थल के आसपास के घरों की दीवारें भूकंप के झटकों की तरह कांप उठी। पलक झपकते ही लोग घरों से बाहर निकल गए।
बृहस्पतिवार की सुबह पांच बजे काशीपुर से एलपीजी से भरा ट्रक सिलेंडर हरिद्वार जा रहा था। मानियावाला के निकट ट्रक पहुंचने पर उसके केबिन में आग लग गई। हादसे के दौरान हाईवे सुनसान था। इस बीच एक के बाद एक सिलेंडर में हुए विस्फोटों की आवाज सुनकर आसपास के गांवों के लोग कांप उठे। कुछ देर में ही मिल में बायलर और बम विस्फोट का शोर मचने से गांव में अफरातफरी का आलम हो गया। इस बीच आसमान में धुएं के साथ उड़ रहे सिलेंडरों से निकल रही आग की लपटों को देखलोगों के फोन घनघना उठे। फोन करने के बाद हकीकत जानने के लिए इधर-उधर के लोग भी मोबाइल फोन पर लोकेशन लेकर घटनास्थल पर पहुंचने लगे। काफी दूर बसें गांवों में लोगों के दरवाजों और खिड़कियां हिलने लगी। ग्रामीण भूकंप के भय से घर छोड़कर निकल भागे। महिलाएं सोते बच्चों को गोद में लेकर दूर जंगलों में जाकर खड़ी हुईं। विस्फोट की आवाज सुनाई पड़ने तक महिलाओं ने अपने कलेजों के टुकड़े को सीने से अलग नहीं किया।
वहीं, अधिकांश ग्रामीणों ने बताया कि ओ माई गॉड ऐसा विस्फोट नहीं देखा। हर व्यक्ति के जुबान पर केवल यही चर्चा थी। सुना ही था कि घरों में फटने वाले सिलेंडर से छत उड़ जाते हैं। ब्लॉक कैंपस में रह रहे कर्मचारियों के कुछ समय के लिए होश उड़ गए। ब्लॉक कैँपस में रहने वाले कर्मचारी अपने बच्चों को बमुश्किल सुरक्षित स्थानों पर लेकर पहुंचे। विस्फोट के टुकड़े ब्लॉक परिसर की दीवार को पार कर नहर तक पहुंच गए। दहशत की वजह से बच्चे स्कूल भी नहीं जा सके। उधर, ग्रामीणों ने कहा कि अग्निशमन विभाग की एक गाड़ी घटना के करीब एक घंटे बाद मौके पर पहुंची, जबकि दूसरी गाड़ी को पहुंचने में ढाई घंटे लग गए। ग्रामीणों का आरोप है कि वह शासन से लंबे समय से अफजलगढ़ में फायर स्टेशन बनाने की मांग कर रहे हैं। जमीन भी उपलब्ध है। हालांकि शासन ने अफजलगढ़ में फायर स्टेशन स्वीकृत नहीं किया। कोई घटना होने पर धामपुर व नगीना से ही फायर ब्रिगेड को बुलाया जाता है। अफजलगढ़ की धामपुर से करीब 25 किमी की दूरी है। इस वजह से आगजनी की घटनाओं के दौरान लोगों को काफी मुशि्कलें होती है।
पुलिस ने भीड़ पर लाठियां फटकारी
कोतवाल राजकुमार शर्मा और सीओ यशपाल सिंह ने मौके पर फोर्स के साथ पहुंचकर भीड़ पर लाठियां फटकार कर उन्हें खदेड़ा। इस दौरान हाईवे पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। जाम में फंसे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। करीब तीन घंटे तक मार्ग पर जाम की स्थिति बनी रही।
विस्फोट से कई दुकानें हुुईं क्षतिग्रस्त
रसोई गैस सिलेंडरों के फटने से इकबाल की परचून की दुकान, पंकज का मेडिकल स्टोर, फुरकान की दुकान का शटर ध्वस्त हो गया। अनिल की चाय की दुकान धमाके में उड़ गई। उधर, गांव में सिलेंडरों के टुकड़े गिरने से 14 वर्षीय जैबुलनिशा पुत्री रशीद अहमद और जहीरूद्दीन जख्मी हो गया। जहीरुद्दीन को चिंताजनक हालत में हॉयर सेंटर रेफर किया गया है। घायल जहीरुद्दीन की ओर से ट्रक चालक के खिलाफ पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की गई है।
हवा में उड़े सिलेंडर
सिलेंडरों के हवा में उड़ने से वहां से गुजर रही एचटी लाइन के तार भी टूट गए। पशु चिकित्सालय का छज्जा भी सिलेंडर के टकराने से क्षतिग्रस्त हो गया। स्कूल जाने वाले वाहन भी करीब दो घंटे तक खड़े रहे। आसपास खड़े यूकेलिप्टस के पेड़ों में भी आग की लपटें निकलने लगी। आग की चपेट में आने से हाइवे किनारे खड़े कई यूकेलिप्टस के पेड़ जलकर नष्ट हो गए।
नमाज अदा नहीं हुई
सिलेंडरों के ट्रक में लगी आग से बस स्टैंड के पास वाली मस्जिद में फाजिल की नमाज अदा नहीं हो सकी। मोहम्मद इब्राहिम ने बताया कि जब नमाज का समय था, तभी सिलेंडरों के फटने के तेज धमाके सुनाई देने लगे। धमाकों से आसपास का इलाका दहशत की वजह से खाली हो गया। लोग घर छोड़ भागे। वहीं घटनास्थल के आसपास के गांव के जब तक कुछ लोग समझ पाते, तब तक मानियावाला में बम विस्फोट होने की अफवाह उड़ गई। आसपास के लोग जब छतों पर चढ़कर विस्फोट होने की घटना को देेख रहे थे। हकीकत का पता लगने पर ही लोगों ने राहत की सांस ली।