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दरअसल बाबरी मस्जिद पसमांदा समाज का मुद्दा है ही नहीं
हर समाज के अपने मुद्दे होते हैं। जिस तरह से विकसित देश के मुद्दों को पहली दुनिया की समस्या (first world problems) कहा जाता हैं और विकासशील देशों के मुद्दों को तीसरी दुनिया की समस्या (third world problems) कहा जाता हैं, उसी तरह पसमांदा समाज और अशराफ समाज के मुद्दे भी अलग अलग हैं।
रातों-रात मस्जिद की मीनार बनाई फिर तोड़ी
नगीना में गांव मिरजालीपुरभारा में एक समुदाय के लोगों ने रातों-रात धर्मस्थल की करीब 30 फिट मीनार का निर्माण कर दिया। प्रधान सुरजन सिंह ने मंगलवार रात में ही पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने दोनों समुदायों के लोगों से बात की। बाद में निर्माण कराने वाला पक्ष इसे गिराने पर राजी हो गया।गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।
शरीयत के समर्थन में सड़क पर उतरीं महिलाएं
चांदपुर में मोदी सरकार पर तीन तलाक को लेकर शरीयत में दखलंदाजी का आरोप लगाते हुए मुस्लिम महिलाएं शनिवार को सड़कों पर उतर आईं। तहसील में प्रदर्शन कर उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
मुस्लिम महिलाएं पूर्व बसपा विधायक मोहम्मद इकबाल के कराल रोड स्थित आवास पर एकत्र हुईं। इसके बाद शेख इस्लाह तंजीम के बैनर तले वे बिजनौर बाईपास रोड पर प्रदर्शन करते हुए तहसील पहुंचीं। इनका नेतृत्व मोहम्मद इकबाल ने किया। महिलाएं हाथों में स्लोगन लिखे बैनर लिए थीं।
ज्ञापन में कहा गया है कि तीन तलाक को लेकर मुस्लिम समाज का उसमें एक ही पहलू दर्शाया जा रहा है। इससे मुस्लिम महिलाएं को मौलिक अधिकारों के हनन की आशंका है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में पक्ष रखने वाली मुस्लिम महिलाओं को भ्रमित करार दिया है। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं में फौजिया, समर जहां, इमराना परवीन, जैनब परवीन, शाजिया, सलमा, नाजिया, कैसर जहां, समरीन बानो, इरम जहां, नसरीन, तबस्सुम, शहाना, अलीशा, शमा, शाइस्ता आदि शामिल रहीं। महिलाओं के प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर जाम के हालात बने रहे।
बिजनौर - मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक में तब्दीली के विरोध में हस्ताक्षर किए
बिजनौर के नींदडू़ में मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक प्रकरण में किसी भी प्रकार की तब्दीली का विरोध करते हुए मुस्लिम पर्सनल ला में विश्वास व्यक्त किया और मस्जिद के सामने आयोजित शिविरों में प्रपत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
शुक्रवार को अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमी, जमीअत उलेमा की ओर से आयोजित संयुक्त कार्यक्रम में हर मसजिद के सामने जुमे की नमाज के बाद शिविर लगाए गए।