Friday, 18 September 2020 22:26

पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का मुद्दा गरमाया

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बिजनौर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग पर जिले की सियासत गरमाने लगी है।

भाजपा व बसपा व लोकदल राज्य बनाने के पक्ष में है तो वहीं सपा इस मुद्दे से अपने आप को किनारा कर रही है।

बिजनौर लोकसभा के बसपा सांसद मलूक नागर ने मंगलवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का मुद्दा जोर शोर से उठाया। सांसद ने इसके फायदे भी बताए। कहा कि राजस्थान सरकार ने पिछड़ों के साथ जो अन्याय किया। इस छोटे राज्य के बनने से उसकी भरपाई हो सकेगी। सांसद के इस मुद्दे को हवा देने से सियासत गरमाने लगी है। भाजपा, बसपा व लोकदल पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के समर्थन में है तो सपा इस मुददे से किनारा कर रही है। भाजपा के जिलाध्यक्ष सुभाष वाल्मीकि के मुताबिक भाजपा सदैव छोटे राज्य बनाने की पक्षधर रही है। छोटे राज्य बनने से प्रदेश में विकास होंगे। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग का मुद्दा वह संगठन के बीच में रखेंगे। अलग से अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश बन जाए तो इससे अच्छी क्या बात हो सकती है।

रालोद के जिलाध्यक्ष राहुल सिंह के मुताबिक रालोद पहले से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग उठाता रहा है। रालोद पहले से इसका पक्षधर रहा है, और अब भी है। ये राज्य बनना चाहिए। रालोद के नेता चौधरी अजित सिंह इस मुद्दे को उठा चुके हैं। उन्होंने हरित प्रदेश के नाम से अलग राज्य बनाने की मांग की थी।

सपा के जिलाध्यक्ष राशिद हुसैन के मुताबिक वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के पक्ष में नहीं है। सपा तो उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना चाहती है। मौजूदा सरकार ने उत्तर प्रदेश की जो दशा खराब की है उसे सही करने की जरूरत है। कहा कि वह छोटे राज्य बनाने की वकालत नहीं कर रहे हैं।

बसपा के मुरादाबाद मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी धनीराम सिंह के मुताबिक बसपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पहले से ही अलग राज्य बनाना चाहती है। मायावती अपने मुख्यमंत्री काल में एक बार इसके लिए प्रस्ताव भी ले आई थीं पर केंद्र सरकार में लटक गया। छोटे राज्य बनने से विकास ज्यादा होता है। उत्तर प्रदेश को छोटा करके छोटा राज्य बनाने की जरूरत है।

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