
बिजनौर में जिले की आठ में से छह सीटों पर भाजपा ने परचम लहरा दिया है। नजीबाबाद और नगीना सीट पर ही सपा विजयी हुई। पिछले चुनाव में चार सीट हासिल करने वाली बसपा का इस बार जिले से सूपड़ा साफ हो गया है। रालोद प्रत्याशियों की जमानत सभी सीटों पर जब्त हो गई। एक दो जगह तो रालोद प्रत्याशी से ज्यादा वोट नोटा को पड़े।
बिजनौर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ीं भाजपा प्रत्याशी सुचि चौधरी ने परचम लहरा दिया। उन्हें 1,05544 वोट मिले। उनकी प्रतिद्वंद्वी सपा की विधायक रुचि वीरा को 78,267 वोट मिले। सुचि चौधरी ने रुचि वीरा को 27, 277 वोटों से हराया। चांदपुर से भाजपा प्रत्याशी कमलेश सैनी को 92345 जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा विधायक मोहम्मद इकबाल को 56,696 वोट मिले। कमलेश सैनी 35,649 वोटों से जीत हासिल की। नूरपुर से भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान लगातार दूसरी बार विजेता बने। लोकेंद्र चौहान को 79,172 और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के नईमुल हसन को 66436 वोट मिले। लोकेंद्र चौहान 12,736 वोटों से जीते। धामपुर सीट पर भाजपा के अशोक राणा जीत गए।
अशोक राणा को 82,169 जबकि सपा से चुनाव लड़े मंत्री मूलचंद चौहान को 64,305 वोट मिले। अशोक राणा ने मंत्री मूलचंद चौहान को 17, 864 वोटों से हराया। नहटौर सीट पर भाजपा विधायक ओम कुमार अपनी सीट बचाने में सफल रहे। ओम कुमार को 76644 वोट जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मुन्नालाल प्रेमी को 53493 वोट मिले। ओम कुमार ने 23,151 वोटों से जीते। नगीना सीट पर सपा विधायक मनोज पारस को 77,145 वोट, जबकि भाजपा की ओमवती को 69,178 वोट मिले। मनोज पारस ने ओमवती को 7,967 वोटों से हराया। नजीबाबाद से सपा विधायक तसलीम अहमद अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। तसलीम अहमद को 81, 082 व उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजीव अग्रवाल को 79,080 वोट मिले। तसलीम अहमद ने राजीव अग्रवाल को 2002 वोटों से हराया। जिले में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया है।
बसपा को एक भी सीट नसीब नहीं हुई। 2012 के चुनाव में बसपा के पास चांदपुर, बढ़ापुर, नजीबाबाद व नहटौर सीट जीती थीं। सपा ने 2012 में धामपुर व नगीना सीट जीती थी। उपचुनाव में बिजनौर सीट पर भी सपा ने कब्जा कर लिया था। इस बार नगीना व नजीबाबाद पर सपा ने कब्जा किया है। रालोद प्रत्याशी किसी भी सीट पर अपनी जमानत नहीं बचा पाए। रालोद से ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं।