Sunday, 24 July 2016 19:49

सुकरो नदी पर रेलवे पुल का पिलर ढहा

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kotdwara branch line railway bridge over the river fell sukro pilar

नजीबाबाद में गत वर्षों में सूकरो नदी रेल पुल के दोनों ओर काफी नजदीक खनन माफिया ने रेत-बजरी का ताबड़तोड़ अवैध खनन किया। खनन माफिया के हौसले इतने बढ़े हुए थे कि खनन वाहनों की आवाजाही के लिए पुल के नीचे रास्ता बना लिया गया था। रेल अधिकारियों ने इसका ठीकरा वन विभाग के अधिकारियों के सिर फोड़ा। उनका कहना था कि कौड़िया वन रेंजर एवं अन्य अधिकारी अवैध खनन पर चुप्पी साधे बैठे थे।

 

दोनों स्पानों को खतरा
सूकरो नदी में उफान आया तो रेल पुल के तीन और स्पान को खतरा बढ़ जाएगा। दरअसल, नदी की तेज धारा से नजीबाबाद एंड के दूसरे व तीसरे तथा कोटद्वार एंड के तीसरे स्पान के नीचे कटान होने से पिलरों को क्षति पहुंचने की आशंका है। उधर, मेरठ-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सूकरो नदी पर बने सड़क पुल को भी खतरा बढ़ गया है। ताबड़तोड़ अवैैध खनन से सड़क पुल के तीन स्पान के आसपास से मिट्टी कटकर बह चुकी है।

पैसेंजर ट्रेनें अनिश्चितकालीन स्थगित
रेल पुल को क्षति पहुंचने के बाद रेलवे अधिकारियों ने नजीबाबाद-कोटद्वार के बीच पैसेंजर ट्रेनों का संचालन अनिश्चितकाल तक के लिए रोक दिया गया है, जबकि गढ़वाल एक्सप्रेस व मसूरी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन नजीबाबाद से जारी रखा है।

व्हाट्सएप पर देख स्थिति जानी
अमर उजाला द्वारा 26 जून को खतरे में पड़ा रेलवे पुल... और 2 जुलाई के अंक में अधिकारियों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है... शीर्षक से सचित्र प्रकाशित की गईं खबरों का डीआरएम ने व्हाट्सएप पर अवलोकन किया। उन्होंने माना कि अखबार द्वारा चेताने के बावजूद रेलवे अधिकारियों ने स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने समय रहते सूचना देने वाले रेलवे के चौकीदार की सराहना की।
अधीनस्थों पर डीआरएम मेहरबान
रेलवे पुल के बचाव के प्रति गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले एडीईएन से डीआरएम ने जवाब तलब तो किया, मगर उन पर नरमी बनाए रखी। दरअसल, एडीईएन ने डीआरएम को बताया कि अमर उजाला में खबरें प्रकाशित होने के बाद उन्होंने सीनियर डीईएन को स्थिति से अवगत करा दिया था। इस पर 28 जून को उन्होंने मौका मुआयना किया था। अपने अधीनस्थ को फंसते देख डीआरएम ने प्राकृतिक आपदा के चलते पुल का पिलर गिरने की बात कही।
पॉकेट डायरी पर आईओडब्लू को हड़काया
रेलवे पुल को हुई क्षति का जायजा ले रहे आईओडब्लू के हाथों में पॉकेट डायरी देखकर डीएसई-वन ने फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पुल की मरम्मत कार्य की तैयारी को मजाक बना रहे हो। नोटिफिकेशन ऑफिस डायरी पर होना चाहिए।

ठेकेदार से कराया मुफ्त में काम
रेलवे निर्माण खंड के अधिकारियों ने ठेकेदार पर ही क्षतिग्रस्त ठोकरों की मरम्मत की जिम्मेदारी थोपकर पीछा छुड़ा लिया। डीआरएम के सामने यह मुद्दा उठने पर एडीईएन ने बताया कि बचाव कार्य ठेकेदार के माध्यम से नि:शुल्क कराया गया है।
खनन माफिया पर डाली जिम्मेदारी
मुरादाबाद में रेलवे अधिकारियों ने लापरवाही में अपनी गर्दन फंसती हुई देखी तो खुद को बचाने का काम भी शुरू कर दिया। बताया कि पिछले दिनों तेज बहाव में पुल किनारे क्षतिग्रस्त होने के बाद इंतजाम किए गए। इसके साथ ही अधिकारियों को बताया कि इस क्षेत्र में खनन माफिया भी सक्रिय हैं। जो नदी से लगातार खनन करते हैं। यही कारण है कि तेज बहाव में पिलर बह गया।

 

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