Displaying items by tag: unemployment
बिजनौर मे बढ़ता बेरोज़गार
बिजनौर: बेरोजगारों की फौज बढ़ रही है। उनमें कड़वाहट साफ दिखती है। दरअसल, रोजगार के पर्याप्त अवसर ही नहीं हैं। उधर, आबादी बांधने के सारे जतन फेल साबित हो रहे हैं। जनसंख्या में लगातार वृद्धि से हालात उलट हो रहे हैं।
नहीं मुहैय्या हो रहे रोजगार के साधन
2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल साक्षरता दर 70.43 प्रतिशत है। पढ़े-लिखे नौजवान बढ़ रहे हैं लेकिन उन्हें रोजगार के साधन मुहैया नहीं हो पा रहे। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश की कुल जनसंख्या का 1.85वां हिस्सा बिजनौर जिले में रहता है। जनपद में प्रति लाख जनसंख्या पर मात्र 13.92 लघु उद्योग संचालित हैं जबकि पड़ोसी जनपदों में लघु उद्योगों की स्थिति काफी अच्छी है। मेरठ में प्रति एक लाख जनसंख्या पर लघु उद्योगों का औसत 39.20, मुजफ्फरनगर में 27.36, बागपत में 28.01 तथा अमरोहा जिले में 15.23 है। लगातार बढ़ रहे बेरोजगारी के आंकड़े को कम करने के लिए जल्द ही ठोस प्रयास नहीं किए गए तो हालात उलट होंगे।
यहां होता है फकत पंजीकरण
बेरोजगारों का पंजीकरण कर उन्हें समायोजित करने का प्रयास करने वाला सेवायोजन विभाग लंबे समय से लाचार है। विभाग का काम केवल बेरोजगारों का पंजीकरण करना ही रह गया है। हालांकि पिछले कुछ समय से ट्रे¨नग और रोजगार मेलों के जरिए कुछ युवाओं को रोजगार दिलाने का काम किया गया लेकिन बढ़ती बेरोजगारों की संख्या के मुकाबले यह बेहद कम है। पहले सेवायोजन कार्यालय के माध्यम से भर्तियां होती थीं लेकिन, अब विभाग सीधे तौर पर भर्ती करने लगे हैं। इसलिए युवाओं का रुझान कार्यालय में पंजीकरण के प्रति भी नहीं है।
लगते रहे हैं रोजगार मेले
सेवायोजन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल माह में लगाए गए रोजगार मेले में 24 युवाओं को सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी दिलाई गई। साल 2016-17 में पांच बार रोजगार मेले लगाए गए और 141 युवाओं को रोजगार दिलाया गया। इसके अलावा युवाओं के लिए करियर काउंस¨लग की भी व्यवस्था है। अप्रैल माह में 172 तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 में 25 शिविर लगाकर 485 युवाओं की करियर काउंसि¨लग की गई। विभाग की ओर से कार्यालय प्रबंधन प्रशिक्षण भी चलता है। इसमें वर्तमान में 29 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण का हाल
कुल पंजीकृत बेरोजगार : 28044
अनुसूचित जाति : 12591
अनुसूचित जनजाति : 39
अन्य पिछड़ा वर्ग : 8695
दिव्यांग : 370
आइटीआइ : 895
महिला : 6994
अल्पसंख्यक : 7706